अभ्यास मंडल ने जल दिवस पर किया जल जाजम का आयोजन।
इंदौर : विश्व जल दिवस पर सामाजिक संस्था अभ्यास मंडल ने कान्ह-सरस्वती नदी के कृष्णपुरा छत्री घाट पर “जल जाजम” का आयोजन किया। इस दौरान वक्तव्यों और काव्य रचनाओं के जरिए जल की महत्ता को रेखांकित किया गया और घटते भू जल स्तर पर चिंता जताई गई।
कार्यक्रम का आगाज कुमारी संबोधिनी बर्वे ने हां मैं नर्मदा हूं कविता से किया। प्रभु त्रिवेदी ने दोहों के माध्यम से जल और पर्यावरण पर बात की। सदाशिव कौतुक ने ‘नदियां जीवनदायिनी धरती पर वरदान, उनको दूषित कर रहा कैसा तू इंसान।’ और ‘दादा का बरगद मरा पापा जी का नीम, सड़क निकल कर,कर गई पीढ़ी तीन यतीम।’ सुनाकर पर्यावरण के प्रति अपनी चिंता जाहिर की। हास्य व्यंग के कवि प्रदीप नवीन ने ‘सोच लो अगर ना हो पानी सभी को कितनी होगी हानि’ एवं हरे राम बाजपेई ने ‘कब तक अश्रु बहाएगी यह कान्ह हमारी ,खुद की दशा सुनाएगी यह कान्ह,हमारी’। जैसी रचनाएं सुनाई। उन्होंने कान्ह के नदी से नाला बन जाने पर अफसोस जताया।
जल संकट के वर्तमान परिपेक्ष्य पर डॉ. ओ.पी जोशी ने प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में दक्षिण अफ्रीका के शहर केपटाउन और भारत के बंगलुरु में मंडराए बड़े जलसंकट की ओर ध्यान दिलाते हुए जल की बूंद – बूंद सहेजने और पानी का अपव्यय रोकने पर बल दिया गया।
कार्यक्रम की भूमिका स्वप्निल व्यास ने रखी। स्वागत उद्बोधन सचिव डॉ.मालासिंह ठाकुर ने दिया।। शपथ डॉ.चेतना जोसेफ ने दिलवाई। इस मौके पर अभ्यास मंडल द्वारा प्रकाशित जल जागृति के स्टीकर का लोकार्पण भी किया गया। आभार संस्था के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने माना। कार्यक्रम में , गौतम कोठारी ,अशोक कोठारी, धर्मेंद्र चौधरी,पल्लवी अढ़ाव , वैशाली खरे, मेघा बर्वे,ज्योति शारदा,गौतम कोठारी,नेताजी मोहिते,दिलीप वाघेला,पीसी शर्मा, मुरली खण्डेलवाल, सतीश सासवडकर,किशन सोमानी, जयंत जटाले,शाम पांडे,गिरीश सेठ,शफी शेख, देवीलाल गुर्जर के साथ शहर के गणमान्य जन मौजूद रहे।