इंदौर : ख्यात शास्त्रीय गायक रामुभैया दाते इंदौर की पहचान रहे हैं। उन्हीं के पुत्र थे अरुण दाते । 4 मई 1934 को जन्में अरुण दाते ने अपने पिता की तर्ज पर गायन के क्षेत्र में पदार्पण किया और भावगीत गायन की अपनी विशिष्ट शैली से लंबे समय तक मराठी श्रोताओं के दिलों पर राज किया। भावगीत का अर्थ ही ऐसे गीत से होता है जो सीधे श्रोताओं के दिल को छू ले। अरुण दाते का उर्दू और मराठी पर समान अधिकार था। उनके गाए भावगीत जबर्दस्त लोकप्रिय हुए। लता मंगेशकर सहित कई दिग्गज गायिकाओं के साथ भी उन्होंने युगल गीत गाए। इंदौर में जन्मे अरुण दाते ने बाद में मुंबई – पुणे को अपना ठिकाना बना लिया था। उनका भावगीतों से सजा कार्यक्रम शुक्रतारा ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलवाई। लगभग पांच दशकों तक वे अपने सुरीले भावगीतों से श्रोताओं को मुग्ध करते रहे। शुक्रतारा के देश – विदेश में ढाई हजार से अधिक प्रयोग हुए। 6 मई 2018 को उनका देवलोक गमन हो गया।
अतुल अरुण दाते लेकर आए ‘नवा शुक्रतारा’
अरुण दाते चले गए पर उनके गाए कालजयी भावगीत श्रोताओं के जेहन में आज भी ताजा हैं।इसी को ध्यान में रखकर उनके पुत्र अतुल दाते पिता के गाए अनमोल भाव गीतों को ‘नवा शुक्रतारा’ के माध्यम से पुनः श्रोताओं तक लेकर आए। हाल ही में मराठी समाज इंदौर के मंच पर यह कार्यक्रम पेश किया गया। अतुल दाते सूत्र संचालक की भूमिका में थे और गायक कलाकार थे मंदार आप्टे, युगल गीतों में उनका साथ निभाया इंदौर की युवा गायिका नुपुर पंडित ने।इस कार्यक्रम के जरिए स्व. अरुण दाते को भावांजलि पेश की गई।
मंदार आप्टे ने स्व. अरुण दाते के गाए सुपर हिट मराठी भाव गीतों के साथ पूरा न्याय किया। उन्होंने स्व. दाते के ऐसे गीत भी पेश किए जो कम सुने गए पर उनकी कर्ण प्रियता किसी मायने में कम नहीं थी। अतुल दाते पिता अरुण दाते की यादों और उनसे जुड़े प्रसंगों को श्रोताओं के साथ साझा करते रहे और मंदार उनके गाए यादगार गीतों की बानगी पेश करते रहे। स्वरगंगेच्या काठावरती वचन दिले तू मला, दिवस तुझे फुलायचे, येशील येशील राणी पहाटे येशील, रंग माझा तुला गंध माझा तुला, दिस नकलत जाई, भेट तुझी – माझी स्मरते, भातुकलीच्या खेला मधली राजा आणि राणी, तू अशी जवली रहा जैसे कई कालजयी गीत प्रस्तुत कर मंदार ने श्रोताओं के दिलों के तारों को छेड़ दिया। उन्होंने अरुण दाते की गाई एक गजल भी सुनाई। युगल गीतों में नुपुर ने शिद्दत के साथ मंदार का साथ निभाया। नुपुर ने श्रोताओं की मांग पर एक लावणी भी पेश की।
केवल 82 गीत गाए, सभी सुपरहिट।
स्व. अरुण दाते की यादों को साझा करते हुए पुत्र अतुल दाते ने बताया कि अपने लंबे करियर में उनके पिता ने केवल 82 गीत गाए पर वे सभी सुपरहिट साबित हुए। अरुण दाते के गाए ज्यादातर गीत ख्यात मराठी कवि मंगेश पाडगांवकर ने लिखे, जबकि संगीत देनेवालों में श्रीनिवास खले, यशवंत देव और ह्रदयनाथ मंगेशकर शामिल थे।
नवा शुक्रतारा के अबतक देशभर में 70 शो हो चुके हैं। इंदौर में इस कार्यक्रम की 71 वी प्रस्तुति दी गई।
मराठी समाज की ओर से अध्यक्ष चंद्रकांत पराड़कर और सचिव अर्चना चितले ने अतिथि कलाकारों का स्वागत किया। आभार अनिल कुमार धड़वईवाले ने माना।