इंदौर : शहर के प्रतिष्ठित पंचम निषाद संगीत संस्थान और दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में ठुमरी पर केंद्रित कार्यक्रम” ठुमरी का ठाठ” आयोजित किया गया ।
पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में कार्यक्रम का यह तीसरा वर्ष है ।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम का सोमवार को पहला दिन था। कार्यक्रम का शुभारंभ दक्षिण क्षेत्र दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक डॉक्टर दीपक खिरवडकर और पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के रस्मी आगाज के बाद मंच संभाला मुंबई की श्रीमती नेहा चिमलगी ने। उन्होंने अपने गायन का आरंभ मिश्र खमाज में ठुमरी,
“बारी उमर लरकैयां “से किया। उसके बाद उन्होंने
बंदिश की ठुमरी मिश्र काफी में “मितवा माने नहीं “गाई।
उन्होंने राग मधमाद सारंग में दादरा “ओ सजना’ भी पेश किया।
कार्यक्रम को परवान चढाते हुए नेहा चिमलगी ने विदुषी गिरजा देवी जी का गाया दादरा राग मिश्र पीलू में” लागी बदरियां मैं सोय रही हो ननंदी” प्रस्तुत किया। प्रचलित दादरा “रंगी सारी गुलाबी चुनरिया” जो राग मिश्र पहाड़ी में था गाकर नेहा ने अपने गायन को विराम दिया। तबले पर भूषण परचुरे और हारमोनियम पर निरंजन लेले ने संगत की।
कार्यक्रम के उत्तरार्द्ध में नई दिल्ली की रीता देव ने पारंपरिक रचनाएं प्रस्तुत की।
मिश्र खमाज में उन्होंने एक ठुमरी प्रस्तुत की जिसके बोल थे” देखे बिना नहीं चैन गाया ।
इसके बाद एक टप्पा गाया जिसके बोल थे”मियां नजरे नहीं आंदा” । बहुत खूबसूरती से यह पेश करने के बाद फिर एक दादरा “दीवाना किए शाम का जादू डारा” गाया और
भजन “”हरि तुम काहे प्रीत लगाई” से गायन का समापन किया रीता के साथ हारमोनियम पर मोहम्मद ढोलपुरी संगत कर रहे थे। दो दिवसीय ठुमरी पर केंद्रित कार्यक्रम का यह पहला दिन था ।
कार्यक्रम के दूसरे दिन 27 अक्टूबर को इंदौर की शोभा चौधरी और मुंबई से धनश्री पंडित राय का गायन होगा पंचम निषाद संगीत संस्थान के फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर यह कार्यक्रम लाइव हो रहा है ।।
मंगलवार रात को ठीक 8:00 बजे कार्यक्रम की शुरुआत होगी ।
सूत्र का संचालन संजय पटेल कर रहे हैं।