दूसरे देशों से आए नागरिकों को नहीं मिला कार्यक्रम के सभागार में प्रवेश।
इंदौर : भारत सरकार द्वारा इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए प्रवासी भारतीयों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में सभागार में प्रवेश नहीं दिया गया। इसपर प्रवासी भारतीय स्वयं को अपमानित महसूस करने लगे। उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी भी जताई। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि वे प्रवासी भारतीयों से माफी मांगे ।
शुक्ला ने कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन को अतिथि देवो भव के नारे के साथ अतिथियों को देवता की संज्ञा देते हुए आयोजित किया गया । इस आयोजन में पहले ही दिन इन प्रवासी भारतीय नागरिकों को पंजीयन कराने में पसीने छूट गए । पहले से उन्होंने अपने देश से पंजीयन करा लिया था । इस पंजीयन का शुल्क चुका दिया था।उसके बाद यहां आयोजन स्थल पर पूरी बेतरतीब व्यवस्था रही जिसके चलते हुए इन प्रवासी भारतीय नागरिकों को पंजीयन का प्रवेश पत्र हासिल करना मुश्किल हो गया । कई घंटे तक मशक्कत करने के बाद कहीं जाकर इन लोगों को प्रवेश पत्र मिल सका था।
टीवी पर ही भाषण सुनना होता तो यहां क्यों आते..?
शुक्ला ने कहा कि सोमवार को दूसरे दिन भी इन प्रवासी भारतीय नागरिकों के अपमान का सिलसिला जारी रहा। प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर इस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे । जिस सभागार में औपचारिक उद्घाटन का कार्यक्रम आयोजित किया जाना था उस सभागार में प्रवेश पाने के लिए जब सुबह 8:00 बजे से प्रवासी भारतीय पहुंचने लगे तो उन्हें कहा गया कि यह सभागार पूरा भर गया है । इसमें अब आपके लिए जगह नहीं है । इन प्रवासी भारतीयों को बाद में कहा गया कि आप दूसरे हाल में बैठकर टीवी पर प्रधानमंत्री का भाषण सुन लीजिए । इस तरह के अपमानजनक व्यवहार से आहत प्रवासी भारतीयों ने साफ शब्दों में कहा कि यदि हमें टीवी पर ही भाषण सुनना होता तो हम अपने देश में अपने घर पर बैठकर सुन लेते । हम यहां तक चल कर क्यों आते ? इन प्रवासी भारतीयों ने उनके साथ अधिकारियों द्वारा किए गए व्यवहार को अपमानजनक माना ।
विधायक शुक्ला ने कहा कि अतिथियों के साथ इस तरह का व्यवहार निश्चित तौर पर बेहद शर्मनाक है । इस आयोजन में सरकार खुद पूरी ताकत से लगी थी लेकिन आयोजन की बद इंतजामी सिर चढ़कर बोल रही है।आयोजन में सारे नियम कायदे के विपरीत भाजपा के नेताओं को प्रवेश देकर हाल भर दिए जाने के कारण यह स्थिति बनी। सरकार को इसके लिए प्रवासी भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए।