प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य की सीमा तक सुरक्षित छोड़नेवाला पहला प्रदेश बना मप्र

  
Last Updated:  May 16, 2020 " 07:21 am"

इन्दौर : मप्र देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों के भोजन- पानी की व्यवस्था करने के साथ उन्हें उनके मूल राज्यों की सीमा तक बसों अथवा अन्य वाहनों के जरिए छुड़वाने की व्यवस्था की है।इसी के इंतजामों का जायजा लेने संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, आईजी विवेक शर्मा के साथ शुक्रवार को इंदौर संभाग के बड़वानी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र बड़ी बिजासन पहुंचे। उन्होंने महाराष्ट्र की सीमा से मध्यप्रदेश में प्रवेश करने वाले उत्तरप्रदेश एवं बिहार के मजदूरों को निःशुल्क बसों के माध्यम से उनके राज्य तक भेजने की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होंने मौके पर उपस्थित निमाड़ रेंज के डीआईजी तिलक सिंह, बड़वानी कलेक्टर अमित तोमर, एसपी डी.आर. तेनीवार से भी चर्चा कर जानकारी प्राप्त की, वहीं आवश्यक निर्देश भी दिए।

किसी भी मजदूर को पैदल चलने की जरूरत नहीं, सभी को वाहनों से गन्तव्य तक पहुंचाएंगे।

संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन सभी मज़दूरों को उनके घर तक पहुँचाने के लिए संकल्पित हैं। किसी भी मज़दूर को मध्यप्रदेश की सीमा में पैदल नहीं चलना पड़ेगा। व्यवस्था की जा रही है। सभी मज़दूर धीरज बनाए रखें।

200 बसों का किया गया है इंतजाम।

संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने बताया कि मध्यप्रदेश की सरकार मानवता के साथ महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश एवं बिहार पैदल लौट रहे मजदूरों को बसों के माध्यम से निःशुल्क देवास पहुंचा रही है। यहाँ से उन्हें उनके राज्यों की सीमा तक दूसरी बसों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन के निर्देश पर इस काम में 100 बसों को लगाया गया था। अब महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में आ रहे मजदूरों के मद्देनजर इस कार्य में 200 से अधिक बसों को लगाया गया है। यह बसें सेंधवा के बड़ी बिजासन से प्रवेश कर रहे इन मजदूरो को प्रतिदिन देवास तक पहुंचाने का कार्य कर रही हैं।

निरीक्षण के दौरान श्री त्रिपाठी ने कलेक्टर अमित तोमर को निर्देशित किया कि महाराष्ट्र से लौट रहे मध्यप्रदेश के श्रमिकों को भी उनके जिलों तक निःशुल्क बसों के जरिए भिजवायें । अगर किसी जिले में जाने वाले मजदूरों की संख्या कम है तो इन्हें छोटे वाहन के माध्यम से भी इनके जिलों तक पहुंचाया जा सकता है।

मज़दूरों के लिए बना खाना भी खाया।

निरीक्षण के दौरान कमिश्नर श्री त्रिपाठी और आईजी श्री शर्मा ने बड़ी बिजासन माता दरबार समिति के सदस्यों से भी चर्चा कर प्रतिदिन हजारों की संख्या में मजदूरों के लिये बनाए जा रहे खाने के पैकेट्स की भी जानकारी प्राप्त की।इस दौरान अधिकारियों ने मंदिर समिति के पदाधिकारियों के आग्रह पर मजदूरों को वितरित किये जाने वाले भोजन को गृहण कर उसकी गुणवत्ता की प्रशंसा की ।

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