इंदौर : मेरे प्रथम कहानी संग्रह ‘नदी-सी तुम’ में 28 कहानियां हैं, जो सभी रोचक और मार्मिक हैं। बचपन से ही मुझे पढऩे का शौक रहा है। उस वक्त मैं लायब्रेरी में जाकर किताबें पढ़ती थी। इसी शौक ने मुझे लेखन के लिए प्रेरित किया। उस दौर में मुझे प्रेमचंद, श्रीनिवास शुक्ल और धर्मवीर भारती जैसे सशक्त लेखक और साहित्यकारों ने बहुत अधिक प्रभावित किया, हालांकि सरकारी कामकाज और पारिवारिक व्यस्तता के चलते लेखन बड़ा कठिन है, बावजूद इसके, मैंने समय मैनेज कर रचनात्मक लेखन किया। मेरी कहानी का केंद्र बिंदु प्रेम है। प्रेम एक व्यापक शब्द है, जिसमें आशा, निराशा, संवेदना, विश्वास, प्रतीक्षा सभी कुछ है। इसी को आधार बनाकर मैंने यह कृति लिखी है।
ये विचार इंदौर संभाग की संयुक्त आयुक्त सपना शिवाले सोलंकी ने अपनी पहली कृति ‘नदी-सी तुम’ के विमोचन कार्यक्रम में व्यक्त किए। विमोचन एवं पुस्तक पर चर्चा का कार्यक्रम रविवार को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित किया गया।
नदी और नारी के बगैर जीवन असंभव है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा व्यास सम्मान से अलंकृत वरिष्ठ ऐतिहासिक उपन्यासकार एवं कथाकार शरद पगारे ने कहा कि नदी और नारी दोनों ही जीवन देती हैं। दोनों के बगैर जीवन असंभव है। लेखिका सपना सोलंकी ने अपनी रचनाओं में प्रेम को बहुत ही व्यापक तरीके से अभिव्यक्त किया है, जो सराहनीय है। लेखक को चाहिए कि वह अपने लेखन में इंसानी कमजोरियों को भी बेबाकी से उजागर करें। उन्होंने कहा कि लेखक महिला या पुरुष नहीं होता, वह केवल लेखक होता है। पगारे जी ने लेखिका सपना शिवाले सोलंकी से आग्रह किया कि वे अपना लेखकीय कर्म निरन्तर जारी रखें।
सामाजिक सरोकार से जुड़ी हैं कहानियां।
मुख्य अतिथि म.प्र. साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा कि कहानी संग्रह की सभी कहानियां सामाजिक सरोकार से जुड़ी हुई हैं। उनमें स्त्री को केवल देह तक सीमित न रखकर उसे मां, बहन के रूप में परिभाषित किया है। आज ऐसे ही लेखन की जरूरत है।
कहानियां तनाव को दूर करती हैं।
संभाग आयुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि लेखिका ने तमाम प्रशासनिक और पारिवारिक व्यस्तताओं के बावजूद लेखन कर्म कर एक ऐसी कृति को जन्म दिया, जिसकी जितनी सराहना की जाए, कम है। मैंने स्वयं कुछ कहानियां पढ़ी, जिसमें प्रेम के साथ आत्मीयता और सुख-दुख के पहलू हैं। ऐसी कहानियां तनाव को भी दूर करती हैं।
प्रेम में भीगी कहानियां पाठक को बांध कर रखती हैं।
वरिष्ठ कहानीकार मनीष वैद्य ने कहा कि संवेदना से साहित्य पैदा होता है और अच्छा साहित्य वसुधैव कुटुम्बकम के संदेश को फैलाता है। प्रेम सर्वोपरि है। प्रेम में भीगी कहानियां पाठकों को लंबे समय तक बांध के रखती हैं। केवल कल्पना से ही कहानी नहीं लिखी जा सकती और न केवल यथार्थ से। कल्पना और यथार्थ मिलकर ही कहानी को गढ़ते हैं। यह बातें मुझे लेखिका के कहानी संग्रह में देखने को मिली।
नायिका प्रधान हैं कहानी संग्रह की कहानियां।
वरिष्ठ साहित्यकार सुषमा दुबे ने कहा कि कहानी संग्रह की सभी कहानियां नायिका प्रधान हैं, जो संस्कारों से जुड़ी हुई हैं। इनमें कल्पनाशीलता तो है, लेकिन खोखला आदर्शवाद नहीं है। लेखिका ने वर्तमान परिवेश को देखकर ही अपने पात्रों के नाम रखे हैं।
इसके पूर्व विषय प्रवर्तन करते हुए इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि मीडिया, प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों की मीन-मेख तो आए दिन निकालता रहता है लेकिन उनके अच्छे कार्यों की भी चर्चा होना चाहिए। इसका मौका आज इंदौर प्रेस क्लब को मिला, जहां प्रशासनिक अधिकारी सपना शिवाले सोलंकी के कहानी संग्रह ‘नदी-सी तुम’ का विमोचन और चर्चा हो रही है, जो सुखद है।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। सरस्वती वंदना वाणी जोशी ने पेश की। अतिथियों का स्वागत प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, महासचिव हेमन्त शर्मा, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य विपिन नीमा ने किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी ने किया। आभार माना प्रेस क्लब उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी ने। इस मौके पर अपर आयुक्त संदीप सोनी, आईडीए संपदा अधिकारी राजकुमार हलधर, अपर आयुक्त वीरभद्र शर्मा, असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी अनुराग पाठक, माफी अधिकारी विनोद राठौड़, असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी पूर्णिमा राठौड़, वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी, समाजसेवी अलका सैनी, डॉ. सुशीम पगारे, वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी, जयश्री पिंगले, पंकज मुकाती, समय ताम्रकर, सुभाष सातालकर, अवनींद्र जोशी, जयसिंह रघुवंशी, डॉ. कमल हेतावल, समाजसेवी किशोर कोडवानी, संजय तेलंग, मदन दुबे, अनिल त्यागी, किरण वाइकर, राहुल वावीकर, अभय तिवारी, प्रवीण बरनाले, प्रवीण जोशी, दीपक यादव,राजेन्द्र कोपरगांवकर सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।