इंदौर : 2020 में लॉकडाउन के दौरान हुए ठेला कांड और बुजुर्गों के साथ अमानवीय हरकत के बाद एक बार फिर कोरोना काल में निगम की पीली गैंग की दादागिरी सामने आने लगी है। इसके कई उदाहरण सामने आए हैं । जबरन वसूली और मास्क के नाम पर लोगों को धमकाने के वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। रंग पंचमी के दिन भी ऐसे ही कुछ विडियो सामने आए। जिसमें निगम की पीली गैंग हाथापाई से लेकर लोगों को धमकाते तक नजर आई। इस दौरान वह खुलकर दादागिरी करते रहे और किसी से भी नहीं डरने की बात करते रहे ।
रंग पंचमी पर नगर निगम कर्मियों के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिसमें पहला मामला पाटनीपुरा से एलआईजी चौराहा के बीच का है, जहां अपने परिवार के साथ जा रहे युवक को निगमकर्मी रोकते हैं। महिला द्वारा हाथ जोड़कर विनती करने पर भी नहीं मानते हैं और सीधे थाने ले जाने की बात करते हुए दिखाई देते हैं। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा था कि निगम कर्मी अभद्रता कर रहे थे।
रंग पंचमी पर एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें नगर निगम जोन पर एक दुकान संचालक द्वारा इस बात की जानकारी लेनी चाही कि नगर निगम की सील के बिना ही उसे चालान दे दिया गया। जैसे ही दुकान संचालक जोन के अंदर जाता है, निगम कर्मी बिना मास्क लगाए बैठे हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो बनाने पर दुकान संचालक से भी अभद्रता करते हुए निगम कर्मी दिखाई दिए और मोबाइल भी दुकान संचालक से छीन लिया। यही नहीं एक- एक गाड़ी में 8-8 निगमकर्मी बैठकर घूम रहे हैं।वो भी बिना मास्क और सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन किए, ऐसे में सवाल यही उठता है कि क्या निगमकर्मियों पर कोरोना प्रोटोकॉल लागू नहीं होता।
बीते जनवरी माह में भी एक शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई थी जिसमें नगर निगम के कर्मचारी बूढ़े भिखारियों को एक डंपर में मवेशियों की तरह भरकर उन्हें इंदौर-देवास सीमा पर शिप्रा नदी के पास छोड़ दिया था। कई बुजुर्ग चल-फिर भी नहीं सकते थे। उस घटना से भी नगर निगम की भारी किरकिरी हुई थी, बावजूद इसके निगमकर्मियों ने कोई सबक नहीं सीखा। मास्क चेकिंग के नाम पर उनकी मनमानी और दादागिरी बेरोकटोक जारी है।