इन्दौर : महाराष्ट्र और गुजरात से हजारों मजदूर पैदल ही यूपी और बिहार स्थित अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। इंदौर बाय पास से गुजर रहे इन मज़दूरों की बदहाली देखकर बिल्डरों की प्रतिनिधि संस्था क्रेडाई से जुड़े कुछ युवा बिल्डर आगे आए। करीब 12 युवा बिल्डरों की की इस टीम ने बायपास पर न्यूयार्क सिटी और मृदंग गार्डन में अपने कैम्प लगाए। पहले दिन क़रीब 4 हजार भोजन के पैकेट बायपास से गुजर रहे मजदूरों को बांटे । साथ में पीने का पानी का भी इंतजाम किया।
भोजन पैकेट के साथ अन्य खाद्य सामग्री भी वितरित की।
सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए इन युवा समाजसेवियों ने भोजन के पैकेट बनाने वाले सभी कर्मचारियों को मास्क, दस्ताने और सेनिटाइजर उपलब्ध कराए। मज़दूरों को भोजन कराने के साथ यह भी जानकारी ली जा रही है कि वो कहाँ से आ रहे है और कहा जा रहे है..? अधिकांश मजदूर महाराष्ट्र और गुजरात से आकर यूपी, बिहार और राजस्थान जा रहे हैं। तेज धूप में बच्चों के साथ पैदल गुजर रहे इन मजदूरों की जरूरतों को देखते हुए बाद में युवा बिल्डर साथियों ने भोजन पैकेट के अलावा पोहे,सेव-परमल,पारले जीं बिस्किट के पैकेट,तरबूज़,संतरे और केले की व्यवस्था भी की और उन्हें मजदूरों में वितरित करना शुरू किया।
नंगे पैर जा रहे मजदूरों को चप्पलें पहनाई।
तेज धूप में बायपास से गुजर रहे सैकड़ों मजदूर ऐसे भी थे जिनके पैरों में चप्पल तक नहीं थी। ऐसे मजदूरों के लिए आनन फ़ानन में चप्पलों की व्यवस्था कर उन्हें पहनाई गई।
अन्य बिल्डर भी सेवा कार्य में जुड़े।
मजदूरों की सेवा में जुटे इन युवा बिल्डरों को बाद में अन्य बड़े बिल्डरों का भी साथ मिला और सेवा कार्य का ये सिलसिला अब बड़े पैमाने पर होने लगा है। मजदूरों की तादाद को देखते हुए बायपास पर सिल्वर स्प्रिंग और उनो बिज़नेस पार्क में दो और रिलीफ कैम्प स्थापित किये गए हैं। इस तरह से चार जगह से मजदूरों को सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
आठ दिनों में 60 हजार पैकेट्स का वितरण।
बायपास से गुजरने वाले मजदूरों को बीते आठ दिनों में क़रीब 60 हजार भोजन के पैकेट, 40 हजार पारले जी बिस्किट के पैकेट, 40 हजार सेव परमल के पैकेट, 1हजार किलो पोहे, 10 हजार तरबूज व संतरे , 5 हजार केले,8 हजार छाछ के पाऊच, 1 हजार पैकेट खिचड़ी और 6 हजार जोड़ी चप्पलों का वितरण किया गया है। यह कार्य लॉकडाउन रहने तक सतत चलता रहेगा।
गौशालाओं को भी भिजवाया जा रहा पशु आहार।
क्रेडाई की यूथ विंग से जुड़े ये बिल्डर साथी, तीन गौशालाओं भी प्रतिदिन गायों के लिए चारा व अन्य पशु आहार भिजवा रहें हैं।