लगातार सामने आ रहे हैं, करोड़ों के घोटाले।
नर्सिंग, जल जीवन और फर्जी बिल घोटाले की हो निष्पक्ष जांच
प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र सिंह यादव ने की मांग।
इंदौर : मप्र युवक कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह यादव ने प्रदेश में सामने आए राष्ट्रपति अवॉर्ड घोटाला, नर्सिंग घोटाला और इंदौर नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले को लेकर बीजेपी की मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा है। इंदौर प्रवास पर आए मितेन्द्र यादव ने प्रेस वार्ता के जरिए पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बीजेपी की पूर्व सरकार हो या वर्तमान, सभी घोटालों में लिप्त रहीं हैं। उन्होंने नर्सिंग कॉलेज घोटाले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग की।
नर्सिंग कॉलेज घोटाला, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ।
प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र यादव ने कहा कि नर्सिंग कॉलेज घोटाला व्यापम घोटाले की ही अगली कड़ी है। हैरत की बात ये है कि जिन्हें जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वे ही रिश्वत कांड में पकड़े गए। उन्होंने इस मामले में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की।
फर्जी आंकड़ों से हासिल कर लिया जल जीवन मिशन का राष्ट्रपति अवॉर्ड।
प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष ने जल जीवन मिशन में हुए फर्जीवाड़े का उल्लेख करते हुए कहा कि बुरहानपुर जिले में 2022 में नल जल योजना के सौ फीसदी क्रियान्वयन के फर्जी आंकड़े पेश कर राष्ट्रपति अवॉर्ड हासिल कर लिया गया, जबकि आज भी जिले के कई गांवों में पानी की लाइन नहीं बिछी है। टंकियां खाली पड़ी हैं। इसी तरह बड़वानी जिले में पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य की सेंधवा विधानसभा के कोलाकी गांव में जब हमने जल जीवन मिशन की हकीकत जाननी चाही तो हालात बेहद खराब नजर आए। गांव में लाइन बिछ गई लेकिन टंकी नहीं बनीं और नहीं नलकूप खनन हुआ है। लोग एक डेढ़ किमी दूर से गड्ढों से पानी भरकर लाने पर विवश हैं। लगभग पूरे प्रदेश की यही हकीकत है। जल जीवन मिशन के नाम पर केवल भ्रष्टाचार हुआ है।
फर्जी बिल घोटाले में महपौर इस्तीफा दें।
प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र यादव ने इंदौर नगर निगम में उजागर हुए फर्जी बिल घोटाले को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि महापौर की नाक के नीचे फर्जी बिलों के जरिए अधिकारियों और ठेकेदारों ने नगर निगम के करोड़ों रुपए डकार लिए। दरअसल ये नगर निगम मित्र घोटाला है, क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं है। नैतिकता के नाते महापौर भार्गव को घोटाले की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।