लखनऊ : प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके कमरे की तलाशी में सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
ये सुसाइड नोट 6 से 7 पन्नों का बताया जा रहा है। इस सुसाइड नोट में उनके एक शिष्य आनंद गिरि का नाम भी है।
सुसाइड नोट में लिखा है कि वो कई कारणों से परेशान थे। इसी वजह से वे अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि वह हमेशा गर्व के साथ जीते रहे हैं और गर्व के बिना नहीं रह पाएंगे।
महंत गिरि ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि आश्रम के बारे में क्या करना है। उन्होंने वसीयतनामा भी लिखा है। सुसाइड नोट में लिखा है कि किसका ध्यान रखा जाना है किसको क्या दिया जाना है. ये सब कुछ उन्होंने स्पष्ट कर दिया है।
शिष्य से दुःखी होकर की खुदकुशी।
सुसाइड नोट में उन्होंने यह भी लिखा है कि मैंने आत्महत्या की है क्योंकि वह अपने शिष्य से दुखी थे।
यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि आरोपों के घरे में आए शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया है। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया गया है। आनंद गिरी के खिलाफ महंत नरेंद्र गिरी के एक अन्य शिष्य अमर गिरी ने शिकायत दर्ज कराई थी।