बीजेपी कार्यकर्ता और आम नागरिकों से मुख्यमंत्री ने की अपील।
इन्दौर में पेड़ों की देखभाल के लिए शुरू की गई “ट्री- एम्बुलेंस” प्रशंसनीय पहल।
इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 5 मार्च को वे अपना जन्म-दिवस पूरे दिन कार्य कर मनाएंगे। जन-प्रतिनिधि और नागरिकों से पुष्प-गुच्छ और अन्य तरह का स्वागत स्वीकार न कर पौध-रोपण से ही दिन की शुरूआत करेंगे। समय बहुत महत्वपूर्ण है, बधाईयाँ प्राप्त करने में समय व्यतीत नहीं करेंगे। रविवार को भोपाल में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की लांचिंग का महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी हो रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उन्होंने जन-प्रतिनिधि, कार्यकर्ता और आम नागरिकों से अनुरोध किया है कि यदि वे मेरे प्रति स्नेहभाव रखते हैं, तो मेरी जन्म वर्षगाँठ पर एक पौधा अवश्य लगा दें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता भी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पौध-रोपण के बाद मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे।
इंदौर में ट्री एंबुलेंस प्रारंभ करना एक और नवाचार।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इन्दौर अद्भुत नगर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कहते हैं- “इन्दौर एक दौर है जो समय से आगे चलता है।” इन्दौर में ट्री-एम्बुलेंस प्रारंभ कर एक और नवाचार किया गया है। अभी तक मनुष्यों और मवेशियों के लिए एम्बुलेंस का संचालन किया जाता है। अब इन्दौर शहर में सड़कों के किनारे, डिवाइडर और शहरी उद्यान में लगे बीमार पौधों की देख-भाल का जिम्मा ट्री-एम्बुलेंस के पास रहेगा। यह एम्बुलेंस शहर में घूम कर पौधों के उपचार और कीटनाशक छिड़काव का कार्य कर रही है। कॉल आने पर एम्बुलेंस घरों में लगे पौधों का उपचार करने भी पहुँच जाती है। नगर निगम इन्दौर ने इसके लिए एक विशेष ग्रीन वाहन तैयार किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि पौधों की देख-रेख के लिए तैयार किए गए पंचवटी वाहन को ट्री-एम्बुलेंस में बदला गया है। कबाड़ से जुगाड़ के सिद्धांत पर कार्य कर उपकरण भी लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने इस पहल से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी।
सीहोर के प्रतिभाशाली वेट लिफ्टर ने जीता स्वर्ण पदक।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि न्यूजीलैंड में हुई वेट लिफ्टिंग की विश्व स्पर्धा में सीहोर जिले के बिलकिसगंज निवासी मोहन पाराशर ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश की जनता की ओर से श्री पाराशर को बधाई देते हुए कहा कि करीब 60 देशों के खिलाड़ी विश्व स्पर्धा में आए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री पाराशर की उम्र 61 वर्ष है लेकिन उनकी लगन और परिश्रम की सराहना करनी होगी। जज्बा हो तो उम्र भी बाधा नहीं बनती। मोहन पाराशर ने 60 से 64 वर्ष आयु वर्ग में 89 किलो ग्राम भार वर्ग में 140 किलोग्राम का वजन उठा कर कर स्पर्धा के पहले ही दिन स्वर्ण पदक हासिल किया। मध्यप्रदेश को उन पर गर्व है।