राजा इंद्र के अहंकार को तोड़ने की लीला है गोवर्धन पूजा-पं. शास्त्री।

  
Last Updated:  November 25, 2019 " 04:20 am"

इंदौर : भगवान चाहते तो अकेले ही गोवर्धन पर्वत उठा सकते थे पर उन्होंने बाल ग्वालों की मदद से यह कार्य के सहकारिता की भावना को बढ़ावा दिया। भक्तों पर जब- जब विपत्ति आती है, भगवान स्वयं उनकी संपत्ति बनकर आ जाते हैं। गोवर्धन पूजा भक्तों को इंद्र के प्रकोप से बचाने और इंद्र के अहंकार को तोड़ने की प्रभु की लीला है। ये विचार भागवताचार्य पंडित नारायण शास्त्री ने व्यक्त किये। वे नंदानगर गली नम्बर एक में चल रहे संगीतमय ज्ञानयज्ञ में प्रभु की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा के प्रसंगों की व्याख्या कर रहे थे। इस मौके पर गोवर्धन पूजा का उत्सव भी आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया।
इसके पूर्व संयोजक सचिन कुशवाह, भरत कुशवाह, ललिता राठौर, अर्चना पांडे, प्रियंका पाटिल, प्रियंका और रचना कुशवाह ने व्यासपीठ का पूजन किया। शाम को हुई महाआरती में विधायक आकाश विजयवर्गीय, पार्षद चंदू शिंदे, विजय मित्तल, अजय मित्तल सहित कई विशिष्टजनों ने शिरकत की। भागवत कथा में सोमवार को दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक महारास और रुक्मिणी विवाह के प्रसंगों पर पंडित नारायण शास्त्री प्रकाश डालेंगे।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *