रामकथा से तन को पुष्टि, मन को तुष्टि और बुद्धि को दृष्टि मिलती है : साध्वी कृष्णानंद

  
Last Updated:  June 19, 2024 " 07:25 pm"

गीता भवन में गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामकथा में हुआ प्रभु श्रीराम का अवतरण।

इंदौर : प्रभु श्रीराम सनातन सत्य हैं। वे भारत भूमि के पर्याय हैं। श्री राम ही हमारी पहली अभिव्यक्ति है। जिस नाम से चित्त में विश्रांति आती है उसका नाम श्रीराम ही हो सकता है। भगवान जब व्यापक होते हैं तो सारा संसार उनके वश में होता है। रामकथा से तन को पुष्टि, मन को तुष्टि और बुद्धि को दृष्टि मिलती है। जहां रामकथा होती है, वहां भक्ति, प्रेम, आनंद, श्रद्धा, अनुरक्ति, पावन बुद्धि एवं समर्पण का पर्यावरण बन ही जाता है। राम और कृष्ण भारत भूमि की पहचान हैं। दुनिया में यदि कोई सर्वव्यापी नाम प्रतिष्ठा प्राप्त किए हुए है तो वह नाम प्रभु श्रीराम का ही हो सकता है।

ये प्रेरक विचार वृंदावन के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद की सुशिष्या साध्वी कृष्णानंद ने व्यक्त किए। वे गीता भवन में रामदेव मन्नालाल चेरिटेबल ट्रस्ट, गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट एवं गोयल परिवार की मेजबानी में गत 17 जून से चल रही राम कथा में श्रीराम राम जन्मोत्सव प्रसंग के दौरान प्रवचन दे रहीं थीं। कथा में प्रभु श्रीराम के अवतरण का जीवन प्रसंग धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही भगवान राम के अवतरण का प्रसंग आया, सभागृह में उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। भगवान राम के जयघोष से समूचा सभागृह गूंज उठा।

ब्रह्मलीन मन्नालाल गोयल एवं मातुश्री स्व.श्रीमती चमेलीदेवी गोयल की पावन स्मृति में आयोजित इस कथा में बड़ी संख्या में शहर के धार्मिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी पुण्य लाभ उठा रहे हैं। कथा प्रतिदिन दोपहर 4 से सांय 7 बजे तक गीता भवन सत्संग सभागृह में हो रही है।

कथा शुभारंभ के पूर्व समाजसेवी प्रेमचंद-कनकलता गोयल एवं विजय-कृष्णा गोयल ने व्यासपीठ एवं रामायण का पूजन किया।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज ने अपने आशीर्वचन में सबके मंगल की कामना व्यक्त की।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *