इंदौर : रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले आरोपियों के मकान तोड़ने के इंदौर नगर निगम द्वारा जारी नोटिस को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक नगर निगम के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश विवेक रूसिया की एकल पीठ ने उक्त आदेश को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने नगर निगम के बिल्डिंग ऑफिसर द्वारा जारी नोटिस पर सख्त रुख अपनाते हुए नाराजगी प्रकट की है।
याचिकाकर्ता बंसीलाल चौधरी की और से वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील जैन योगेश हेमनानी और कुशाग्र जैन ने पैरवी की, वहीं याचिकाकर्ता पुष्पमाला की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने पैरवी की। पैरवी के दौरान एकल पीठ द्वारा स्पष्ट रूप से यह कहा गया कि जब उच्च न्यायालय की युगल पीठ के आदेश के अनुसार प्रदेश में मकान ध्वस्त करने की कार्रवाई 15 जून तक स्थगित है तो आखिर भवन अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ता को मात्र एक दिन में जवाब पेश करने का नोटिस क्यों दिया।
अधिवक्ता द्वारा मुख्य रूप से यह तर्क दिया गया था कि जिन लोगों को शासन ने रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में अपराधी बनाया है, उनके नाम से यह संपत्ति नहीं है। उनके माता-पिता तथा परिवार के अन्य लोगों के नाम दर्ज है। आखिर परिवार के किसी सदस्य की गलती का हर्जाना पूरे परिवार को क्यों भुगतना चाहिए।
न्यायमूर्ति विवेक रूसिया ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों के तर्क सुनने के बाद निगम द्वारा दिए गए शोकॉज नोटिस को खारिज कर दिया है।