वैदिक परंपराओं में निहित है श्रेष्ठतम व्यवस्थाएं

  
Last Updated:  November 13, 2019 " 08:01 am"

इंदौर : नाथ मंदिर में आयोजित मराठी भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का समापन सत्यनारायण कथा, हवन और महाप्रसादी के साथ हुआ। हजारों लोगों ने महाप्रसादी ग्रहण कर पुण्य लाभ लिया।
इसके पूर्व भावत ज्ञान सप्ताह के अंतिम दिन भागवताचार्य पंडित धनंजय शास्त्री वैद्य ने कहा कि दुनिया में शिक्षा, रक्षा, अर्थ और सेवा की श्रेष्ठतम व्यवस्था वैदिक परंपराओं से संभव है। सन्त – महात्माओं के शास्त्रोक्त आचरण का अनुसरण करके ही इंसान उत्थान के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। शास्त्रीजी ने मत्स्यावतार, परशुराम अवतार, समुद्र मंथन, द्वारका निर्माण सहित अन्य प्रसंगों की भी सरल शब्दों में व्याख्या की।
आयोजकों की ओर से बाबा साहब तराणेकर, संजय नामजोशी और मनीष ओक ने अतिथि विद्वानों का स्वागत किया। भागवत कथा को सफल बनाने के लिए उन्होंने श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।

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