इंदौर : कलेक्टर मनीष सिंह ने लॉक डाउन की अवधि बढ़ाने के संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि जब तक इंदौर कोरोना के संक्रमण से पूरीतरह मुक्त नहीं हो जाता, लॉक डाउन बरकरार रखा जा सकता है, हालांकि इस बारे में हालात की समीक्षा कर फैसला लिया जाएगा। कलेक्टर श्री सिंह ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए ये बात कही।
जानकारी छुपाने से बढ़े मरीज।
शहर में लॉक डाउन के बाद भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह का कहना था कि खजराना, रानीपुरा, चंदन नगर, नयापुरा जैसे इलाकों में लॉक डाउन के पहले ही कोरोना ने पांव पसार लिए थे। लोगों ने बीमारी की बात छुपाई न होती तो शायद कोरोना का संक्रमण इसतरह नहीं फैलता। इन इलाकों को सील कर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने का प्रयास किया गया है।
सर्वे, सैम्पलिंग और सेनिटाइज कार्य जारी।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि तमाम कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे, सैम्पलिंग और सेनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक 200 घरों पर एक टीम तैनात की गई है जो घर- घर सर्वे कर कोरोना से मिलते – जुलते लक्षण पाए जाने पर मौके पर ही सैंपलिंग की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे बीमारी सम्बन्धी कोई जानकारी नहीं छुपाए।वे आगे आकर जानकारी दें, हम उनका उपचार करवाएंगे। इससे वे पूरीतरह ठीक हो सकते हैं।
निजी क्लीनिक कोरोना के बड़े वाहक।
कलेक्टर मनीष सिंह ने निजी प्रैक्टिस करने वाले दो डॉक्टरों की कोरोना से मौत को लेकर कहा कि देश और दुनिया के अनुभव इस बात को साबित करते हैं कि निजी क्लीनिक कोरोना के बड़े वाहक हैं, इसलिए उन्हें बंद कराया गया है। दोनों मृत डॉक्टरों की संपर्क हिस्ट्री तलाशी जा रही है।
कोरोना से नहीं बढ़े जनाजे..!
मनीष सिंह ने इस बात को गलत बताया कि हाल ही के दिनों में कब्रिस्तानों में जनाजों की संख्या कोरोना के कारण बढ़ी। उनका कहना था कि इस बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शहर काजी, मौलवियों और मृतकों के परिजनों से बात की गई है पर कोरोना से मिलते- जुलते लक्षणों की पुष्टि नहीं हुई। मृतकों की मेडिकल हिस्ट्री खंगाली जा रही है, उसके बाद ही मौत के सही कारण का पता लगाया जा सकता है।
जनाजे और शवयात्रा पर प्रतिबंध।
कलेक्टर श्री सिंह ने कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए मृतकों के जनाजे अथवा शवयात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी कारण से मौत होने पर अब बॉडी अस्पताल से सीधे मुक्तिधाम या कब्रिस्तान ले जाई जाएगी।
चोइथराम अस्पताल भी रेड जोन में।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया चोइथराम अस्पताल को भी रेड जोन में रखकर उसे कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए तैयार किया जा रहा है।इसके अलावा ईएसआईसी अस्पताल को यलो श्रेणी में रखा गया है। बॉम्बे हॉस्पिटल, मेदांता, राजश्री और अपोलो जैसे कई बड़े अस्पताल ग्रीन श्रेणी में ही बरकरार रखे गए हैं। इन अस्पतालों सभी बीमारियों का इलाज पहले की तरह होता रहेगा। विशेष परिस्थितियों में सर्जरी भी की जा सकेगी।
मेडिकल स्टॉफ के ड्यूटी पर नहीं आने पर होगी गिरफ्तारी।
कलेक्टर ने तमाम निजी अस्पतालों के संचालकों को निर्देशित किया है कि वे अपने यहां के पैरा मेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी पर अनिवार्य रूप से उपस्थिति सुनिश्चित करें, जो ड्यूटी पर नहीं आएंगे उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
ऑनलाइन फ़ूड कंपनियों को हरी झंडी।
कलेक्टर ने साफ किया कि ऑनलाइन बुकिंग पर घर तक फ़ूड सप्लाई करने वाली कम्पनियों को कारोबार की अनुमति दे दी गई है। ऐसी कम्पनियों के घर पहुंच सेवा देने वाले कर्मचारियों को पास इश्यू किये जाएंगे।