इंदौर : खबरों के सिपाही अच्छे रचनाकार भी हो सकते हैं। शहर में ऐसे कई पत्रकार हैं जो खबरों के साथ अपने भीतर कुलबुलाती रचनाधर्मिता को भी कागज पर अंकित करते रहते हैं। पत्रकार बिरादरी के इन रचनाकारों को पहली बार सार्वजनिक रूप से मंच उपलब्ध कराया स्टेट प्रेस क्लब ने। स्थानीय अभिनव कला समाज के सभागार में सजाई गई गीत, गजल और कविताओं की इस महफ़िल को नाम दिया गया था ‘हम भी हैं कमाल के’ ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन। अध्यक्षता शायर अजीज अंसारी ने की। इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव नवनीत शुक्ला कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम में करीब 25 पत्रकार कवियों ने रचना पाठ किया। इसके तहत गीत, गजल और कविताओं की बानगी पेश की गई। समसामयिक विषयों के साथ रिश्तों की गर्माहट भी प्रस्तुत काव्य रचनाओं में नजर आई। जिन प्रमुख पत्रकार कवियों ने रचनाएं पेश की उनमें सूर्यकांत नागर, हरेराम वाजपेयी, कीर्ति राणा, पंकज दीक्षित, डॉ. श्यामसुंदर पलोड, सत्येन वर्मा, सुषमा दुबे, सुरेश उपाध्याय, हर्षवर्धन प्रकाश, डॉ. अर्पण जैन अविचल, मुकेश तिवारी, श्याम डांगी, राकेश द्विवेदी, डॉ सुनीता श्रीवास्तव, नेहा लिम्बोदिया, गोविंद शर्मा, राहुल तिवारी, भरतकुमार ओझा, ज्ञानी रायकवार, हीरालाल वर्मा, प्रभात पंचोली, राकेश गोस्वामी, भूपेंद्र विकल, सत्येंद्र हर्षवाल आदि शामिल थे।
इस मौके पर मुख्य अतिथि सत्यनारायण सत्तन ने ‘अखबार वाले’ कविता के जरिये लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को आइना दिखाया।
प्रेस तोड़ दी गई पर मीडिया खामोश रहा।
सत्तनजी ने मीडियाकर्मियों और अखबार मालिकों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बीते दिनों शासन- प्रशासन ने मीडिया पर हमला किया। एक अखबार का भवन तोड़ दिया गया। अखबार बन्द करवा दिया गया पर समूचा मीडिया जगत खामोश रहा, केवल इसलिए कि कहीं उनके विज्ञापन बन्द न हो जाए। श्री सत्तन ने साफ किया कि वे सम्बन्धित अखबार मालिक के इतर अपराधों को लेकर की गई कार्रवाई के खिलाफ नहीं हैं पर अखबार के दफ्तर को तोड़ा जाना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला था जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता।
बाद में काव्यपाठ में प्रतिभागी रहे पत्रकार साथियों का सम्मान अतिथियो और स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल, कमल कस्तूरी, आकाश चौकसे व शीतल रॉय ने किया। संचालन अर्पण जैन अविचल ने किया। आभार कमल कस्तूरी ने माना।