भोपाल। पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई से ठीक पहले राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों के नियम सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिए हैं। जिन पर 24 जनवरी को सुनवाई होगी। सरकार ने दावा किया है कि मप्र में ही नहीं दूसरे राज्यों (महाराष्ट्र, तमिलनाडु) में भी इन्हीं नियमों के तहत कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा रही है। उधर, सपाक्स ने आरोप लगाया है कि सरकार मामले को लंबित रखने के नए-नए तरीके तलाश रही है। सुप्रीम कोर्ट में 24 जनवरी से पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई शुरू होगी। कोर्ट ने इस बार लगातार सुनवाई करने को कहा है। इसलिए राज्य सरकार पूरी तैयारी में है। जहां सुप्रीम कोर्ट में अन्य राज्यों के पदोन्नति नियम रखे गए हैं, वहीं कोर्ट से कर्मचारियों को सशर्त पदोन्नति देने की अनुमति भी मांगी जा रही है। जिसे लेकर सपाक्स के पदाधिकारी नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार को कर्मचारियों की इतनी ही चिंता है, तो हाईकोर्ट के फैसले का पालन करते हुए वरिष्ठता के क्रम में पदोन्नति कर दे। *आज दिल्ली जाएंगे तीनों पक्ष* पदोन्नति मामले के तीनों पक्ष (सपाक्स, अजाक्स और सरकार) के प्रतिनिधि सोमवार को दिल्ली जाएंगे। क्योंकि मंगलवार से सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई शुरू कर रहा है। सरकार की ओर से इस मामले में ओआईसी बनाए गए सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव केके कातिया और एक अन्य अधिकारी सुनवाई के दौरान कोर्ट में रहेंगे। वहीं सपाक्स से पांच और अजाक्स से भी इतने ही पदाधिकारियों की टीम दिल्ली जा रही है।
सरकार ने दूसरे राज्यों के नियम सुप्रीम कोर्ट में किए जमा
Last Updated: January 23, 2017 " 07:38 am"
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