स्टेट प्रेस क्लब के रूबरू कार्यक्रम में स्वर विज्ञान विशेषज्ञ अरुण शर्मा ने कही ये बात।
इंदौर : वर्तमान में खराब जीवन शैली के कारण हमारी सांस लेने की गति तेज़ होती जा रही है। भगवान ने हमारी आयु नहीं बल्कि सांसों की संख्या निश्चित की है। हम एक मिनट में अपनी सांसों की संख्या घटाकर अपनी आयु बढ़ा सकते हैं।
ये बात सिंगापुर में बिज़नेस कन्सलटेन्ट एवं स्वर विज्ञान विशेषज्ञ अरुण शर्मा ने स्टेट प्रेस क्लब,मप्र द्वारा आयोजित रुबरु कार्यकम में कहीं। उन्होंने सांस लेने के तरीके और उस पर नियंत्रण को मनुष्य के जीवन की उन्नति या अवनति का कारण बताया। उन्होंने कहा कि सांसों का पैटर्न बदलकर हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। सांस अंदर लेने में आम तौर पर 3 सेकंड और छोड़ने में 2 सेकंड लगते हैं।इसे राधाकृष्ण पैटर्न ऑफ ब्रीदिंग भी कहते हैं लेकिन वर्तमान जीवन शैली की गड़बड़ियों के कारण एक मिनट में सांस लेने की सामान्य संख्या 18 हो गई है। यदि आपकी प्रति मिनट सांसों की संख्या तीस के आसपास है तो आप विचलित और बीमार हैं जबकि यदि आपकी श्वसन की संख्या 12 से कम है तो आप स्थिर मन और योगी अवस्था में हैं।
स्वर विज्ञानी अरूण शर्मा ने सांस की गहराई, बायो रिदम, एक्टिव नॉस्ट्रिल, फ्रिक्वेंसी,सांस की लंबाई, उसे होल्ड करने की क्षमता आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उसे अच्छे स्वास्थ्य से जोड़ने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि स्वर विज्ञान, जीवन शक्ति प्राण के प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है ताकि उज्ज्वल स्वास्थ्य, मजबूत ऊर्जा, मानसिक स्पष्टता बनाई जा सके। उन्होंने स्वर विज्ञान की प्राथमिक प्रायोगिक बातों से भी अवगत कराया। रूबरू कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों के नागरिकों ने दिलचस्पी के साथ सहभागिता की। अरूण शर्मा ने दर्शकों के प्रश्नों के भी उत्तर दिए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, शीतल रॉय, मीना राणा शाह, सोनाली यादव, कुमार लाहोटी एवं तिरंगा अभियान के संयोजक रवि अतरौलिया ने अरुण शर्मा एवं समन्वयक माउथ आर्गन वादक विष्णुकांत शर्मा का स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किए। कार्यक्रम का संचालन संस्कृतिकर्मी एवं पत्रकार आलोक बाजपेयी ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन संजय मेहता ने किया।