इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित जीवन साहू स्मृति प्रसंग कार्यक्रम में बोले अतिथि वक्ता।
इंदौर : साहूजी एक संघर्षशील पत्रकार ही नहीं, कुशल लेखक, वक्ता और सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात को बेबाकी के साथ रखने वाले जिंदादिल इंसान थे। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी पत्रकारिता की लौ को जलाए रखा। स्थानीय मुद्दों से लेकर प्रादेशिक और राष्ट्रीय मुद्दों को उन्होंने अपनी खोजी नजर का विषय बनाया। इंदौर प्रेस क्लब के विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने पत्रकारिता के साथ पत्रकारों के हितों की भी चिंता की। कैरम के प्रति उनका गहरा लगाव था। यह विचार अतिथि वक्ताओं ने व्यक्त किए।वे वरिष्ठ पत्रकार और इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जीवन साहू की द्वितीय पुण्यतिथि पर इंदौर प्रेस क्लब और साप्ताहिक युगप्रभात के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कलम का जीवन राग कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पद्मभूषण सुमित्रा महाजन ने कहा कि स्व. जीवन साहू का व्यक्तित्व बहुत ही सौम्य था। वे बहुत सहज, सरल और ईमानदार व्यक्ति थे। उन्होंने साफ सुथरी पत्रकारिता की। टीवी पर हम कितना भी सुने, जब तक हम सुबह उठकर अखबार नहीं पढ़ते, तब तक मन को संतुष्टि नहीं मिलती। प्रिंट मीडिया का महत्व आज भी बना हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने कहा कि स्व. जीवन साहू को याद करने का मतलब उस पुराने दौर में पुन: लौटना है, जब संघर्ष भरी पत्रकारिता थी। एक संपादक को घूम-घूमकर अपने अखबार के लिए स्वयं रिपोर्टिंग करना पड़ती थी। उस दौर में साप्ताहिक अखबारों का भी पठनीयता थी। पत्रकारिता और सामाजिक सरोकार का एक दूसरे से चोली-दामन का साथ है। हालांकि अब सामाजिक सरोकार के मायने बदल गए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश चेलावत ने कहा कि स्व. जीवन साहू से मेरा संबंध वर्षों पुराना था। वे ऐसे पत्रकार थे, जो हमेशा संभावनाओं को खोजते थे। वे अपने पत्र युगप्रभात में इतना बेबाक लिखते थे कि प्रशासन के बड़े-बड़े अधिकारी भी हिल जाते थे। उन्होंने अपने जीवन को सार्थक किया। 1977 से ही वे अग्निबाण में खोजी नजर लिखते आ रहे थे और कभी स्थानाभाव के कारण वह नहीं छप पाती तो पाठकों के फोन आना शुरू हो जाते थे। उन्होंने पत्रकारों के हितों के लिए जीवनभर संघर्ष किया।
वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक ने कहा कि जीवन साहू एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने भाषाई पत्रकारिता का परचम पूरे देश में फहराया। वे कैरम के बहुत अच्छे खिलाड़ी थे, कि एक बार खेलने बैठ गए तो फिर देश-दुनिया में क्या हो रहा है, उस पर ध्यान नहीं देते थे। कई गतिरोधों का सामना करते हुए उन्होंने अपना समाचार पत्र युगप्रभात निकाला। शहर का कोई भी ज्वलंत मुद्दा हो, उसे वे अवश्य अपनी खोजी नजर में उठाते थे। वे जिंदा दिल पत्रकार थे और विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने भाषाई पत्रकारिता की लौ को बुझने नहीं दिया।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने कहा कि जीवन साहू एक पत्रकार ही नहीं, बहुत अच्छे समाजसेवी भी थे। कभी वे क्रोध नहीं करते थे। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने अखबार युगप्रभात को बंद नहीं किया। खेल गतिविधियों को आगे बढ़ाने में वे हमेशा सक्रिय रहे। नई पीढ़ी के पत्रकारों को चाहिए कि वे स्व. जीवन साहू के जीवन कार्य से प्रेरणा लें।
स्वागत उद्बोधन देते हुए इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि आज हम एक ऐसे शख्स स्व. जीवन साहू का स्मरण करने के लिए उपस्थित हुए हैं, जो पत्रकारिता में अपनी खोजी नजर, मिलनसारिता के लिए जाने जाते थे। इंदौर प्रेस क्लब में अध्यक्ष और सचिव सहित विभिन्न पदों का दायित्व निर्वाह करने के साथ ही अनेक समाचार पत्रों से जुड़कर वे अपनी कलम चलाते रहे। सामाजिक सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता और अपनी बेबाकी के लिए वे जाने जाते थे। जितना स्पष्ट लिखते थे, उतना ही स्पष्ट मौका पडऩे पर बोल भी देते थे। उन्होंने कई प्रतिष्ठित अखबारो के साथ काम किया। सांध्य दैनिक अग्निबाण में उनका साप्ताहिक खोजी नजर कॉलम खासा लोकप्रिय था। कई पुराने राजनीतिक किस्से और जानकारी उन्हें मुंह जुबानी याद थी। जिसका उल्लेख वे अपने कॉलम खोजी नजर में भी लगातार करते रहे। इंदौर प्रेस क्लब में कैरम बोर्ड पर जब वे पत्रकार साथियों के साथ बैठते थे तो खेल के दौरान साथी खिलाडिय़ों के साथ उनकी मीठी नोंकझोंक हुआ करती थी, जिसे आज भी कई साथी शिद्दत से याद करते हैं। साहू जी बेहद आध्यात्मिक व्यक्ति रहे। तमाम व्यस्तताओं के बावजूद वे गीता व रामचरितमानस का पाठ करना नहीं भूलते थे। रामचरितमानस की तो हर चौपाई उन्हें मुँह जुबानी याद थी। इन सब सदगुणों के अलावा वह शिव जी के परम भक्त थे वह हर वक्त नम: शिवाय का जाप करते रहते थे, चाहे वो कितनी भी गहन चर्चा या काम में व्यस्त हो मगर मन ही मन में निरन्तर मन में जाप चलता रहता था।
कार्यक्रम के प्रारंभ में पंचम निषाद संगीत संस्थान एवं संगीत गुरुकुल के शिष्यों ने कबीर के भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी। ख्यात शास्त्रीय गायिका विदुषी शोभा चौधरी के सान्निध्य में संगीत शिक्षा ले रहे ग्रंथ शर्मा, विहान आर्य, मौलिक खाम्बेटे, अद्विका खाम्बेटे, केशव भारद्वाज, मिहिर अग्रवाल, प्रणामी मंडल तथा ख्यात शास्त्रीय गायक पं. गौतम काले के शिष्य पर्व जैन और पृथ्वीराज सिंह सिसौदिया ने कबीर भजनों का गायन किया। तबले पर मुकेश रासगाया और हारमोनियम पर सुयश राजपूत ने संगत की।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवल एवं जीवन साहू के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। इस मौके पर साहूजी के जीवन पर केंद्रित युगप्रभात के विशेष अंक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। अतिथि स्वागत प्रेस क्लब महासचिव हेमन्त शर्मा, प्रकाश व्यास, अभिषेक साहू, मनीषा साहू, श्रीमती आशा साहू, संजय त्रिपाठी, राहुल वावीकर, विपिन नीमा, प्रवीण बरनाले ने किया। प्रतीक चिह्न अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रमेश्वर गुप्ता, शिवाजी मोहिते, तपेन्द्र सुगंधी, शैलेश पाठक, अजीतसिंह नारंग, अनिल त्यागी, अन्ना दुरई, अजय ठाकुर, मुकेश तिवारी और अर्पण जैन ने प्रदान किए।
कार्यक्रम में ओमी खंडेलवाल, ब्रजभूषण चतुर्वेदी, सुभाष जैन, चंदू जैन, नवीन जैन, उमेश रेखे, शशिकांत शुक्ला, आलोक खरे, राजेंद्र कोपरगांवकर, प्रवीण जोशी, कमलेश सेन, महेन्द्र राठौर, राजेश अग्रवाल, गिरधर नागर, राजेश चौकसे, अफसर पटेल, चंद्रशेखर शर्मा, लक्ष्मीकांत पंडित, अर्जुन रिछारिया, दिनेश सालवी, जितेंद्रसिंह भाटिया, मार्टिन पिंटो, प्रकाश तिवारी, कमलेश्वरसिंह सिसौदिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी ने किया। आभार अभिषेक साहू ने माना।