♦️ नरेंद्र भाले ♦️
विराट की टीम के लिए यह मैच जीतना बेहद जरूरी था और अपेक्षाओं के विपरीत जोश फिलिप्पी और देवदत्त पडलीकल ने आतिशि आगाज करते हुए ताबड़तोड़ 73 रन जोड़ लिए। जहां जोश ज्यादा ही जोश में दिखे वहीं देवदत्त ने मैदान के चारों तरफ आकर्षक प्रहार करते हुए रन बटोरने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
लगातार दो चौके खाने के बावजूद चाहर ने जोश (33) को अपना शिकार बनाया। इस झटके से संभलने के पूर्व ही बुमराह ने विराट कोहली (9) को बौना साबित कर दिया। गोलू मोलू सौरभ तिवारी ने उनका उम्दा कैच लपका। ऐसे हालात में पोलार्ड ने खुद गेंद थाम कर रन मशीन , श्रीमान भरोसेमंद एबी डी विलियर्स (15) को चाहर के हाथों कैच करवाकर स्कोर बोर्ड पर अंकुश लगा दिया। ऐसे माहौल में देवदत्त 74 (45) अपना आपा खो बैठे और बुमराह को विकेट दे बैठे जबकि युवा शुभम दुबे को बुमराह ने सूर्यकुमार के हाथों कैच करवा दिया।
जैसे तैसे सुंदर और गुरकीरत ने स्कोर 6 विकेट पर 164 तक पहुंचाया जबकि उम्मीद इससे कहीं ज्यादा की थी। आईपीएल पदार्पण में अपने पहले विकेट के रूप में बुमराह ने विराट कोहली को अपना शिकार बनाया था जबकि इस मैच में 100 वें विकेट के रूप में कोहली का कीमती विकेट वे फिर ले गए। 4 ओवर में मात्र 14 रन देकर कोहली, देवदत्त और शिवम दुबे के विकेट बुमराह के कहर को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।
जवाब में क्विंटन डी- कॉक के रूप में मुंबई ने पावर प्ले में 45 के योग पर अपना पहला विकेट खोया जबकि ईशान किशन (25) चहल का शिकार बंने। सौरभ तिवारी (5) औपचारिकता निभा कर लौट गए जबकि दूसरे छोर पर सूर्यकुमार यादव (नाबाद 79) अंगद के पैर के तरह विकेट पर जय गए। पांड्या बंधू कृणाल और हार्दिक भी कुछ विशेष नहीं कर पाए लेकिन सूर्यकुमार 10 चौके तथा 3 छक्के उड़ा कर अकेले के दम पर ही पूरा मैच निकाल कर ले गए। उन्होंने अपने 50 रन मात्र 29 गेंदों में बनाए और किसी भी गेंदबाज को सभंलने का मौका ही नहीं दिया।
गेम चेंजर,सुपर सिक्सर, सुपर स्ट्राइकर और ऊपर से मैन ऑफ द मैच सूर्यकुमार यादव रहे लेकिन बुमराह का घातक स्पैल बंगलुरु को लंबे समय तक याद रहेगा। प्लेऑफ के लिए विराट के पास अच्छा मौका था लेकिन खराब बल्लेबाजी ने इसे अपने हाथों से गवां दिया। इस विधा में 5 विकेट की जीत मैच रोमांचक होने के बावजूद एक तरफा ही कही जाएगी। वास्तव में बुमराह का सूर्यकुमार यादव बनना सभी को लुभा गया।