स्मार्ट सिटी जैसी बनना थी, वैसी नहीं बनी।
🔺कीर्ति राणा इंदौर।🔺
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने संभवत: पहली बार स्मार्ट सिटी के तहत हुए निर्माण कार्यों को लेकर नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस पार्षद सोनाली मिमरोट ने बारिश के दौरान राजबाड़ा क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया तो वार्ड की भाजपा पार्षद रूपाली पेंढारकर के जवाब के साथ ही महापौर ने कहा प्रधानमंत्री ने सौ शहरों में इंदौर को भी स्मार्ट सिटी के लिये चुना था।शहर के मध्य क्षेत्र का स्मार्ट सिटी के चयन का निर्णय सही नहीं रहा। स्मार्ट सिटी के नाम पर जितने भी काम हुए हैं उनके सोशल ऑडिट की जरूरत है।जैसी बनना थी, वैसी नहीं बनी है स्मार्ट सिटी। दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बाद हमने उन क्षेत्रों में नक्शे का शुल्क बढ़ाया था, लगता है यह निर्णय सही नहीं था। हम संबंधित क्षेत्र में नक्शा शुल्क सामान्य करेंगे।यह दुर्भाग्य ही है कि स्मार्ट सिटी में जनप्रतिनिधि नहीं हैं, सारे फैसले अधिकारियों ने मन मुताबिक लिये हैं।
महापौर की योजनाओं को भाजपा पार्षदों ने नवाचार बताया।कांग्रेस पार्षदों ने बताया फिजूलखर्ची।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा गुरुवार को पेश किए गए बजट पर हुई बहस में जब भाजपा पार्षद और विभिन्न समितियों के प्रभारी इंदौर के विकास के लिए महापौर के नवाचारों की सराहना कर रहे थे, तब नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे सहित कांग्रेस के पार्षद इन नवाचारों को फिजूलखर्ची बता रहे थे। इनका कहना था निगम की पुरानी बिल्डिंग ठीक है उसकी जगह नया भवन बनाने के लिये करोड़ों खर्च करने का औचित्य नहीं है।
जमकर हुआ शोरशराबा।
नेता प्रतिपक्ष चौकसे की वीर सावरकर को लेकर की गई टिप्पणी से उत्तेजित भाजपा पार्षद सभापति की आसंदी तक पहुंच कर नारेबाजी करने लगे। वहीं जब भाजपा पार्षदों ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के ‘बंटाढार कहते हुए इंदौर सहित राज्य की दुर्गति के लिये जिम्मेदार बताया तो चिंटू चौकसे, राजू भदौरिया, सोनाली मिमरोट, फौजिया अलीम शेख, रुबीना खान सुभाष चौधरी आदि कांग्रेस पार्षदों ने भी खूब हंगामा किया।