इंदौर : मिलावट खोरों के खिलाफ प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत सड़े गले आलू से चिप्स बनाने वाली फैक्ट्री को नगर निगम के अमले की मदद से ढहा दिया गया। मध्यप्रदेश में संभवत: यह पहली कार्रवाई है, जिसमें मिलावट करने वाले की फैक्ट्री नेस्तानाबूत की गई है। पिछले दिनों जिला प्रशासन की टीम ने सांवेर रोड स्थित अवंतिका नगर स्थित साँवरिया फ़ूड प्रॉडक्ट नामक इस फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की थी। इस दौरान सड़े आलू से चिप्स बनाने और नॉन एडिबल हाईड्रो पावडर का इस्तेमाल करने के कारण करीब डेढ़ हजार क्विंटल सड़ा आलू और केमिकल बरामद किया गया था।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मिलावट को लेकर राज्य शासन बहुत गंभीर है। मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई की जाये। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री संचालक सड़े गले आलू से चिप्स तैयार करते थे और सड़े गले आलू को नॉन एडिबल हाइड्रो पावडर से धोते थे, जो कि स्वास्थ्य के लिए घातक है। पैकिंग चिप्स को एसआरडी चिप्स के नाम से मार्केट में बेचा जाता था। इसकी कीमत भी कम होती है। आम आदमी सस्ते दर पर सामग्री मिलने से भरोसे पर खरीदता है।
उन्होंने बताया कि इसका स्लो पायजन की तरह स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे गंभीर मामलों में रासुका की कार्रवाई भी की जा रही है। खाद्य अधिनियम के तहत आजीवन कारावास का भी प्रावधान है। कलेक्टर ने बताया कि गलत तरीके से धनअर्जन कर फैक्ट्री बनाई गई थी, जो कि अवैध होने से फैक्ट्री रिमूव्हल की कार्रवाई की गई है।
कलेक्टर ने चेताया स्लो पाइजन की शिकार नहीं हो जनता
कलेक्टर जिले के खाद्य निर्माताओं को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि खाद्य विभाग से प्रोसेसिंग समझने के पश्चात ही कार्य करें। खाद्य निर्माता ऐसी कोई गतिविधि नहीं करें, जिससे आम जनता स्लो पाइजन की शिकार हो। आगे भी इस तरह के मामले सामने आते हैं तो उन पर रासुका के साथ ही रिमूव्हल की कार्रवाई की जाएगी।
फैक्ट्री रिमूवल की कार्रवाई के दौरान नगर निगम के अपर आयुक्त देवेन्द्र सिंह एवं जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।