इंदौर : प्रदेश के पर्यावरण और जंगल को नष्ट करने के फैसले के खिलाफ इंदौर में विभिन्न जन संगठनों द्वारा पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर के नेतृत्व में ‘बक्सवाहा जंगल बचाओ पर्यावरण बचाओ’ की मांग के समर्थन में इंदौर के संभाग आयुक्त कार्यालय के समक्ष मानव श्रृंखला बनाई गई। मानव श्रृंखला में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ,सोशलिस्ट पार्टी इंडिया, आम आदमी पार्टी ,एस यू सी आई, लोकतांत्रिक जनता दल समाजवादी पार्टी, इंटक, एटक, सीटू, एच एम एस, संयुक्त ट्रेड यूनियन काउंसिल , सिटी ट्रेड यूनियन काउंसिल, जयस, नर्मदा बचाओ आंदोलन जनता श्रमिक संघ कामकाजी महिला संगठन, भारतीय जन नाट्य संघ(इप्टा), प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, भारतीय महिला फेडरेशन, फूलन आर्मी ,भगतसिंह दिवाने ब्रिगेड, लोहिया विचार मंच, अम्बेडकर विचार मंच सहित अन्य जन संगठनों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। उनका कहना था कि बिरला समूह को को हीरा खनन के लिए 50 साल की लीज पर दी जा रही जंगल की साढ़े 300 हेक्टेयर भूमि का अनुबंध निरस्त किया जाए।
बक्सवाहा बचाओ समर्थक समूह का कहना था कि ऑक्सीजन को तरस रहे देश में छतरपुर स्थित बक्सवाहा के जंगलों में सवा दो लाख हरे भरे पेड़ों को काटने की तैयारी प्रदेश सरकार ने कर ली है। सरकार के इस फैसले के बाद देश भर के पर्यावरण प्रेमियों में रोष है। मानव श्रृंखला और प्रदर्शन में का मुख्य रूप से श्याम सुन्दर यादव, अरविंद पोरवाल, अजय लागू ,,सारिका श्रीवास्तव, रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोदिया, अरुण चौहान ,प्रमोद नामदेव, हरिओम सूर्यवंशी, रूद्रपाल यादव, अशोक दुबे, अजय यादव, सोनू शर्मा,दुर्गेश खवासे, सत्येंद्र भाई ,नवीन मिश्रा,अर्शी खान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शरीक थे। मानव श्रृंखला की समाप्ति पर कार्यकर्ताओं ने संभागायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया, जिसमें बक्सवाहा जंगल को आदित्य बिरला समूह की कंपनी एचएल को 50 साल की लीज पर दिए जाने और सवा दो लाख से ज्यादा पेड़ों के काटे जाने से होने वाले नुकसान की विस्तार से जानकारी देते हुए उक्त अनुबंध को निरस्त करने की मांग की गई।