♦️ नरेंद्र भाले ♦️
कल ही वह पैदा हुआ और बेरियस्टो का साथ छोड़ कर रिद्धिमान साहा का हाथ थाम लिया। फिर प्रारंभ हुआ जन्मदिन का उत्सव। पावर प्ले में 73 रन बने जिसमें बंदे ने पर्पल कैप धारी रबाडा के एक ओवर में 4 चौके और 1 छक्का उड़ाकर उल्टे हाथ से 26 रन लबूर लिए। यह जश्न यहां थमा नहीं बल्कि वार्नर साहा ने पहले विकेट की साझेदारी में 127 रन जोड़कर हैदराबादी गेंदबाजों का सूरज डूबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इन दोनों के बीच शतकीय साझेदारी मात्र 52 गेंदों में पूरी हुई। 8 चौके और 2 छक्कों के सहारे 66 रन बनाकर वार्नर लौट गए लेकिन सनराइजर्स के खेमे में मायूसी ही छाई रही क्योंकि दूसरे छोर पर पहली बार मिले मौके का फायदा उठाते हुए साहा ने कप्तान के अभियान को जारी रखते हुए 86 रनों में 10 चौके तथा 2 छक्के उड़ाए। दुर्भाग्य से वे अनफिट हो गए थे अन्यथा एक और शानदार शतक देखने को मिलता। साहा ने मनीष पांडे (44 नाबाद) के साथ मात्र 21 गेंदों में 51 रन जोड़ दिए जिसमें शेर का हिस्सा साहा के नाम रहा। वार्नर- साहा के बाद एक और अर्धशतक बना लेकिन वह रन देने के मामले में रबाडा के नाम रहा । 26 मैचों में ऐसा पहली बार हुआ जब उन्हें कोई विकेट नहीं मिला और 50 के ऊपर रन दे बैठे।
220 के विजयी लक्ष्य के सामने जैसी उम्मीद थी वही हुआ। डबल शतकधारी शिखर धवन (0) संदीप शर्मा की पारी की पहली ही गेंद पर वॉर्नर को कैच दे बैठे जबकि बिगबैश के हीरो स्टोइनिस (5) शाहबाज नदीम की गेंद पर वार्नर द्वारा ही लपके गए। फिर वार्नर ने राशिद खान को गेंद थमाई और उन्होंने आते ही अजिंक्य रहाणे (26) एवं शिमरन हेट मायर (16) का शिकार कर बल्लेबाजों की बत्ती गुल कर दी। दूसरी तरफ श्रेयस अय्यर (7) को विजय शंकर ने वापस भेज दिया। जैसे अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता वैसे ही ऋषभ पंत भी कुछ नहीं कर पाए। वास्तव में पंत का कैच विकेटकीपर ने पकड़ लिया लेकिन गेंदबाज की अपील पर अंपायर ने नॉटआउट करार दिया। यहां भी वार्नर आडे आ गए उन्होंने थर्ड मैन से डीआरएस ले लिया। अंपायर को अपना निर्णय बदल कर पंत को आउट देना पड़ा। पहली बार दिल्ली कैपिटल्स की टीम ऑल आउट होकर 88 रनों के विशाल अंतर से पराजित हो गई। मारा घुटना और फूटी आँख यह कहावत कल चरितार्थ हो गई। हैदराबाद की जीत से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु अंक तालिका में दूसरे नंबर पर पहुंच गई। राशिद खान ने आईपीएल के इतिहास में सबसे कंजूस गेंदबाज का खिताब हासिल कर लिया। अपने 4 ओवर में उन्होंने 17 डॉट गेंदे फेंकते हुए मात्र 7 रन देकर रहाणे, हेटमायर और अक्षर पटेल के विकेट चटकांए। अब शेष मैचों में दिल्ली को कम से कम एक मैच को जीतना ही होगा अन्यथा उन पर 4 टीमों की दौड़ से भी बाहर होने का खतरा मंडराने लगा है। खैर शीर्षक की बात करते हैं , वॉर्नर ने पहले तो ताबड़तोड़ 66 रन बनाएं फिर धवन और राहणे के कैच लपके , डीआरएस का अचूक उपयोग किया फिर घायल विजय शंकर का बचा हुआ ओवर भी पूरा किया और सबसे ऊपर रही उनकी लाजवाब कप्तानी। इससे ज्यादा बड़ी उपलब्धि वह भी अपने जन्मदिवस पर क्या हो सकती है। कल वाकई उनका दिन था …………हैप्पी बर्थडे डेविड वॉर्नर……..🍩🍩