इंदौर : संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा के निर्देशानुसार इंदौर ज़िले में सर्वे कार्य पुन: प्रारंभ किया जा रहा है। इस बार भी जिले के प्रत्येक रहवासी का सर्वेक्षण किया जाएगा।अनलॉक के बाद शहर में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बेहतर आंकलन के लिए यह सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने लगातार सर्वे एवं फ़ॉलोअप कार्य किया है। एक बार पुनः सर्वे कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। जिसमें आंगनवाड़ी केंद्र के अनुसार वहां की कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा सम्पूर्ण क्षेत्र का वृहद सर्वे किया जाएगा।
सर्वे का दिया गया प्रशिक्षण।
सर्वेक्षण को लेकर अभय प्रशाल में मंगलवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण दो सत्रों में सम्पन्न हुआ।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इस बार इन्दौर कोविड-19 सर्वे एप में कुछ संशोधन किया गया है। हमारा उद्देश्य है कि सर्वे के दौरान एक भी सदस्य न छूटे। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके कारण इंदौर तुल्नात्मक रुप से बेहतर स्थिति में है। नए सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर हमें कोविड-19 के संदिग्धों को पहचानने में मदद मिलेगी। जिससे उनका समय पर इलाज शुरू किया जा सकेगा। साथ ही संक्रमण फैलने से भी रोका जा सकेगा। इस कार्य हेतु जिला प्रशासन का संपूर्ण अमला कमर कस के तैयार खड़ा है। फ़ील्ड लेवल पर सर्वेलेंस डॉक्टर, एसडीएम तथा संबंधित परियोजना अधिकारी भी सतत भ्रमण पर रहेंगे। सर्वे टीम द्वारा किए जा रहे कार्य की नियमित समीक्षा की जाएगी। सर्वेक्षण कार्य का दैनिक रूप से अवलोकन किया जाएगा। जिसके लिए जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना को कंट्रोल रूम का दायित्व सौंपा गया है।
इन 12 लक्षणों से होगी पहचान..
ट्रेनिंग में बताया गया कि सर्वेक्षण हेतु 12 बिंदुओं पर समीक्षा की जाएगी। इन लक्षणों की जानकारी हाँ या नहीं के माध्यम से एप में फ़ीड की जाएगी। जिसके आधार पर सर्वेलेंस डॉक्टर द्वारा आगामी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इन 12 लक्षणों में बुखार, सर्दी खाँसी, साँस लेने में तक़लीफ़, डायबिटीज़, हाई बीपी, पुरानी साँस की बीमारी अथवा सीओपीडी, गर्भवती महिला, अस्थमा, ट्यूबरकुलोसिस, हृदय रोग, कैंसर, किडनी रोग एवं धात्री माता जैसे कुल 12 बिंदु शामिल हैं।