आईएमए के इंटरनेशनल मैनेजमेंट कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में बोले आईआईएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय।
कॉन्क्लेव में देशभर से आए कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों ने की शिरकत।
पहले दिन विभिन्न सत्रों में कारोबार, प्रबंधन, वित्त विशेषज्ञ और आध्यात्मिक गुरुओं ने रखे अपने विचार।
इंदौर : 2047 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उच्चस्तरीय कुशल कार्यबल और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की बदौलत भारत की अर्थव्यवस्था ये मुकाम हासिल करेगी, हालांकि भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचने में कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा जैसे अस्थिरता, गैर रेखियता और अप्रत्यक्षता। ये बात आईआईएम इंदौर के निदेशक डॉ. हिमांशु राय ने कही। वे इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित 32 वे इंटरनेशनल मैनेजमेंट कॉन्क्लेव – 2025 के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के बतौर अपने विचार रख रहे थे।कॉन्क्लेव में देशभर से कॉरपोरेट दिग्गज, चेयरमैन, सीईओ, नीति निर्धारक, अर्थशास्त्री, शिक्षाविद, आध्यात्मिक गुरु और प्रबंधन से जुड़े युवा भाग ले रहे हैं। कॉन्क्लेव की थीम ‘उद्यमेन हि सिध्यंति’ रखी गई है। strive, drive, thrive’ इसकी टैग लाइन है, जिसका अर्थ है, कोशिश करना, आगे बढ़ना और कामयाब होना।
वैश्विक आईटी ताकत बनेगा भारत।
अपने संबोधन में आईआईएम, इंदौर के निदेशक हिमांशु राय ने आगे कहा कि आनेवाले समय में भारत वैश्विक आईटी महाशक्ति बनेगा। इसी के साथ भारत कुशल श्रम में दुनिया का नेतृत्व करेगा। एआई और बायोटेक देश की सुपर एडवांस्ड स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित करेंगे। उन्होंने साफ किया कि एआई इंसानों की जगह नहीं लेगा लेकिन एआई में पारंगत होना वक्त की जरूरत होगी।
मूल को न भूलें, अवसरों का स्वागत करें।
कॉन्क्लेव के औपचारिक उद्घाटन और मुख्य अतिथि के उद्बोधन के बाद कॉरपोरेट दिग्गज और प्रबंध विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों में अपने अनुभव और विचार साझा किए। ख्यात सर्जन सी पलानी वेलु ने अपने विचार रखते हुए कहा कि युवा अपने मूल को न भूलें, भाग्य पर निर्भर न रहते हुए अवसरों का स्वागत करें। परिश्रम और इच्छाशक्ति, विपत्ति को भी उपलब्धि में बदल देते हैं।शिक्षा और दृढ़ संकल्प किसी भी कठिनाई से पार पाने का माध्यम बन सकते हैं। डॉ. वेलु ने अपने संघर्ष, उनके समक्ष आई चुनौतियां और उनपर विजय पाकर कामयाब सर्जन बनने की अपनी जीवन यात्रा को साझा करते हुए युवाओं से कहा कि वास्तविक प्रभाव संघर्षों को समाधान में बदलने से आता है। वे अवसरों को न चूकें और लक्ष्य के प्रति समर्पित हों तो सफलता अवश्य मिलेगी।
ज्ञान का भी अग्रणी देश बनें भारत।
आध्यात्मिक गुरु स्वामी डॉ.महेश योगी ने अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और चरित्र के बीच अंतर्संबंधों को रेखांकित किया। डेढ़ करोड़ कपालभाति का विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले स्वामी योगी ने योग से उनके जीवन में आए अनुशासन और बदलाव को रेखांकित किया।उन्होंने देश की प्रगति को नागरिकों के स्वास्थ्य और नैतिक मूल्यों से जोड़ते हुए योग, मेहनत और मूल्यों को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को पुरुषार्थ का महत्व समझाना आवश्यक है। स्वामीजी ने भारत को आर्थिक शक्ति के साथ ज्ञान का भी अग्रणी देश बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, भारत केवल एक राष्ट्र नहीं बल्कि गहरी सांस्कृतिक चेतना और आध्यात्मिक जड़ों से जुड़ी जीवंत पहचान है।
संगठन को आगे बढ़ाने में टीम वर्क और समन्वय जरूरी।
एसबीआई भोपाल सर्किल के सीजीएम चंद्रशेखर शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सफलता, समर्पण, दृढ़ता और रणनीतिक क्रियान्वयन से आती है। टीम वर्क और समन्वय किसी भी संगठन को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। उन्होंने निरंतरता, उत्पादकता और लचीलेपन को दीर्घकालिक विकास की नीव बताया।
भारत की कार्यप्रणाली अमेरिका से बेहतर।
एयर इंडिया के चीफ कस्टमर एक्सपीरियंस ऑफिसर व ग्लोबल हेड एयरपोर्ट ऑपरेशन राजेश डोंगरा ने भारत की कार्यप्रणाली को अमेरिका से बेहतर बताया। उन्होंने एयर इंडिया की सफलता को भारतीयों के लिए गर्व का विषय बताते हुए इसे नई नौकरियों के अवसरों का सृजन माना। डोंगरा ने ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने और तकनीक के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने विहान परिवर्तन योजना को नई सुबह का संकेत बताया।
युवा मस्तिष्क की अहमियत स्वयं युवा होने से ज्यादा महत्वपूर्ण।
वरुण कोहली ने कहा कि समाज में परिवर्तन, व्यक्तिगत मानसिकता में बदलाव से आता है। उन्होंने जुनून और परिश्रम को व्यवसाय में स्थाई सफलता का मूलमंत्र बताया। कोहली ने कहा कि युवा मस्तिष्क की अहमियत स्वयं युवा होने से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन खुद से शुरू होता है। अपने विचारों को बदले और सपनों का पीछा करें। उन्होंने मीडिया बिजनेस को किसी भी अन्य कारोबार से अलग करार देते हुए पाठकों व दर्शकों के बीच विश्वसनीयता को उसकी सबसे बड़ी पूंजी बताया।कोहली ने कहा कि भारत गर्मजोशी, अनुकूलनशीलता और नवाचार का संगम है।
शौचालय निर्माण ने बदला लड़कियों का जीवन।
डॉ. शमिका रवि ने अपनी बात रखते हुए कहा, मानव विकास में भारत चीन को टक्कर दे रहा है। देश में गरीबी तीन फीसदी तक कम हुई है।उन्होंने शौचालय निर्माण को बड़ी क्रांति बताते हुए कहा कि इसने लड़कियों और महिलाओं के जीवन को बदल दिया है, हालांकि मातृ – शिशु मृत्यु दर में और कमी लाने की जरूरत पर उन्होंने जोर दिया। डॉ. शमिका ने बीते 10 वर्षों में बुनियादी सुविधाओं में खासी बढ़ोतरी होने की बात कहते हुए कहा कि भारत अब सटीक नीति निर्धारण के दौर में प्रवेश कर चुका है। अब हर भारतीय डिजिटल रूप से जुड़ा है।
ई – कॉमर्स से प्रतिस्थापित स्टोर्स को कोई खतरा नहीं।
राकेश बियानी ने कॉन्क्लेव में कहा कि ई कॉमर्स से स्टोर्स को कोई खतरा नहीं है। ये दोनों साथ – साथ चलेंगे। उन्होंने एआई को मानव की दक्षता और क्षमता बढ़ाने का माध्यम बताते हुए इस बात को गलत ठहराया कि इससे नौकरियों में कमी आएगी।उन्होंने उत्पादकों को सलाह देते हुए कहा कि वे अपने उत्पाद की गुणवत्ता सही रखें और सेवा को बनाएं रखें, ग्राहक आपके साथ बने रहेंगे।
मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई से जुड़े नियमों पर हो विचार।
उद्योगपति विकास लोहिया ने कहा कि सेवा क्षेत्र रोजगार और आर्थिक विकास का प्रमुख कारक है।उन्होंने कहा कि मॉडल शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने से भारत में रिटेल कारोबार का आधुनिकीकरण होगा और व्यवसाय करने में आसानी होगी। लोहिया ने मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़े नियमों पर सावधानी पूर्वक विचार करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिरता के लिए कर्ज और इक्विटी के संतुलन को बनाए रखना आवश्यक है।
स्टार्टअप इकोसिस्टम आर्थिक विकास का प्रमुख कारक।
डॉ. नितिन मामोडिया ने उद्योगों में तकनीक के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह परंपराओं को चुनौती देती है और नवाचार को प्रेरित करती है।उन्होंने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को आर्थिक और तकनीकि विकास का प्रमुख कारक बताया। उन्होंने रैपिड कॉमर्स और डिजिटल परिवर्तन को भविष्य के लिए आवश्यक बताया।
ईवी और हाइब्रिड वाहन भविष्य के परिवहन।
मुस्कान कक्कड़ ने कॉन्क्लेव में अपनी बात रखते हुए अपने कामयाबी के सफर पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग्राहक यात्रा को बेहतर बनाने और व्यवसाय की वृद्धि सुनिश्चित करने पर बल दिया।मुस्कान ने कहा कि भारत की विविधता खरीददारी के व्यवहार में परिलक्षित होती है।इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड वाहन भविष्य के परिवहन हैं।
कारोबार में सफलता के लिए कुशल व समर्पित टीम का होना जरूरी।
होमलेन के सीईओ श्रीकांत अय्यर ने कहा कि नेतृत्व को कार्य प्रक्रियाओं को समझने व और दक्षता में सुधार के लिए संचालन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कारोबार में सफलता के लिए कुशल और समर्पित टीम का होना जरूरी है। अय्यर ने उत्पादन में धैर्य, दृढ़ता और रणनीतिक योजना को जरूरी बताया। उन्होंने समय के साथ रणनीतिक परिवर्तन पर भी जोर दिया।
सफलता के हैं चार सूत्र।
गुलबहार तौरानी ने सफलता के चार प्रमुख सिद्धांत साझा किए। ये हैं, स्पष्टता के लिए निरंतर सवाल करना, प्रासंगिक बनें रहना, जीवन में उद्देश्य निर्धारित करना और उस उद्देश्य को स्पष्ट रूप से संप्रेषित करना।उन्होंने कहा कि विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।उन्होंने कहा कि सुसंगत संप्रेषण ही सफलता की कुंजी है।
यह आईक्यू से ज्यादा ईक्यू का दौर है।
स्वामी ज्ञानवत्सल ने कहा कि केवल सपने देखना ही पर्याप्त नहीं है, उन्हें हकीकत में बदलने के लिए प्रयास करना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि वास्तविक वृद्धि दूसरों की मदद करने से आती है, जबकि साहसिक कदम, स्पष्ट दृष्टि और मजबूत मूल्य सफलता की कुंजी हैं। स्वामीजी ने करियर, परिवार और आध्यात्मिकता में संतुलन को ही सुख का आधार बताया। उन्होंने कहा कि अब आईक्यू से ज्यादा ईक्यू का दौर है।उन्होंने कहा कि आईएमए मैनेजमेंट कॉन्क्लेव 2025 भारत के कॉरपोरेट और आर्थिक परिदृश्य को आकार देने के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है।