खाद्य सुरक्षा मापदंडों का पालन करें दुग्ध उत्पाद व्यवसायी- लालवानी

  
Last Updated:  December 30, 2020 " 05:00 pm"

इंदौर : लाभमंडपम् सभागृह में जिला प्रशासन और एसोशिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण दुग्ध उत्पादों के संबंध मे खाद्य सुरक्षा एवं उनके मापदण्डों को लेकर रखा गया। प्रशिक्षण को संबोधित करते हुये सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि दुग्ध उत्पादों में मिलावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केन्द्र और राज्य शासन के निर्देशानुसार मिलावट के विरूद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है। दुग्ध व्यावसायियों को खाद्य सुरक्षा मापदण्डों पर खरा उतरना होगा। इंदौर दुग्ध व्यावसाइयों में 25 हजार से अधिक परिवार लगे हुए हैं। वे दिन-रात अपनी सेवाएं देते हैं। उनके इरादे नेक हैं। राज्य शासन की मंशा है कि किसी निर्दोष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होना चाहिए।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने कहा कि दुग्ध व्यवसाय महत्पूर्ण और संवेदनशील व्यवसाय है। 99 प्रतिशत व्यापारी ईमानदारी से काम करना चाहते हैं। मिलावट से मुक्ति का अभियान जारी रहेगा। व्यावसायियों को गुणवत्ता की कसौटी पर खरा उतरना होगा। प्लास्टिक की पन्नी पर रोक लगाने से पूर्व उन्हें उपयुक्त विकल्प देना होगा।
इस अवसर पर योगेश मेहता ने कहा कि दुग्ध व्यवसायी 12 महीने अपनी सेवाएँ देते हैं। यह कठिन व्यवसाय है। बड़े दुग्ध उद्योग की तरह छोटे-छोटे व्यापारी पैकेजिंग कर मिलावट के आरोपों से बच सकते हैं। इसके अलावा प्लास्टिक की पन्नी की जगह भुट्टे के छिलके से बनी थैलियों का उपयोग दुग्ध व्यवसायी कर सकते हैं।
एसोशिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने कहा कि दूध, दही के व्यापार में स्वच्छता जरूरी है। दूध हर घर की आवश्यकता है। दूध को संपूर्ण आहार कहा गया है। इस व्यवसाय से जुड़े लोग दिन-रात मेहनत करते हैं। इंदौर दुग्ध संघ के अध्यक्ष भारत मथुरावाला ने कहा कि दुग्ध व्यापारी दूध का व्यवसाय फैट के आधार पर करें। मिलावटी दूध में हमेशा खतरे की संभावना रहती है। किसी भी निर्दोष व्यापारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होना चाहिये।
खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षक रामनाथ सूर्यवंशी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के आने से व्यावसायियों का नियमन हुआ है। व्यापारीगण खाद्य सुरक्षा अधिनियम का गंभीरता से अध्ययन करें और उसके मापदण्ड़ों पर खरा उतरें। दूध, घी, मावा और पनीर के मामले में साफ-सफाई बहुत जरूरी है, जो बहुत कम देखने को मिलती है। दूध में वाशिंग पावडर, चूना और यूरिया मिलाने से कैंसर होता है। कैंसर स्वास्थ्य के लिये जानलेवा है, ये सभी जानते हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में दुग्ध व्यवसाय और उत्पादों से जुड़े कारोबारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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