भोपाल : सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जो महिलाएं 7 साल की कम सजा की दोषी हैं, उन्हें कोरोना वायरस को देखते हुए पैरोल पर जमानत दे दी जाए, इसी मामले में हनीट्रैप की आरोपी आरती दयाल की जमानत याचिका भोपाल के न्यायालय पहुंची। याचिका ईमेल के माध्यम से भेजी गई, न्यायालय ने याचिका को सिरे से खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया था हवाला।
इंदौर के सेंट्रल जेल से ईमेल के माध्यम से जमानत के लिए आरती दयाल ने अर्जी लगाई थी.जिसमें कोरोना वायरस और सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया गया था कि,कोर्ट के निर्देश अनुसार जो पैरोल पर जमानत देने का प्रावधान किया गया है, उसके तहत जमानत दी जाए.जमानत की अर्जी न्यायधीश भरत व्यास के कोर्ट में पहुंची, जिसे निरस्त कर दिया गया।
10 साल की सजा की आरोपी है आरती दयाल।
बता दें कि जो धाराएं आरती दयाल के ऊपर लगाई गई हैं, उन धाराओं में सजा 10 साल की है।इसके चलते उन्हें जमानत नहीं दी गई। हनी ट्रैप मामले में ट्रायल लगातार जारी है।