इंदौर : संत श्री स्व. भय्यू महाराज द्वारा स्थापित सूर्योदय ट्रस्ट को लेकर विवाद गहरा गया है। महाराज की बेटी कुहू ने बुधवार 18 अगस्त को अपने वकील अशोक श्रीवास्तव के साथ प्रेस वार्ता की और ट्रस्ट के वर्तमान पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में भारी गड़बड़ियां चल रहीं हैं। पुराने ट्रस्टियों को हटाकर नए ट्रस्टी बना लिए गए हैं। बीते बरसों का कोई हिसाब- किताब नहीं दिया जा रहा है। कोई ऑडिट नहीं हो रहा, जबकि यह पब्लिक ट्रस्ट है। कुहू के वकील अशोक श्रीवास्तव ने रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट पर उनकी आपत्तियों का निराकरण नहीं करने का आरोप लगाया है।
फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रस्टी बनाया।
कुहू का आरोप है कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी हस्ताक्षर के जरिए उसे ट्रस्टी घोषित कर दिया गया जबकि वे वैधानिक प्रकिया के साथ ट्रस्टी बनना चाहती हैं। उन्हें आजतक न तो किसी बैठक की सूचना दी गई और न ही एजेंडे के बारे में जानकारी दी गई। कुहू का कहना है कि ट्रस्ट में क्या चल रहा है, ये जानने का हक भय्यू महाराज की बेटी होने के नाते उन्हें और महाराज से जुड़े तमामं लोगों को है। महाराज ने मानव सेवा के लिए यह ट्रस्ट खड़ा किया था। कुहू ने कहा कि जब उसके फर्जी हस्ताक्षर किए जा सकते हैं तो पुराने ट्रस्टियों के साथ भी धोखाधड़ी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। कुहू ने कहा कि वे लीगल तरीके से ट्रस्टी बनकर पिता भय्यू महाराज के काम को आगे बढ़ाना चाहती हैं। कुहू ने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग भी प्रशासन से की है।
ट्रस्टियों की वैधानिकता पर सवाल..?
कुहू के वकील अशोक श्रीवास्तव ने नए ट्रस्टियों की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा पुराने ट्रस्टियों से इस्तीफे दिलवाकर 9 नए ट्रस्टी बनाए गए हैं। महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं। नए ट्रस्टियों को अभी तक रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट से एप्रूवल ही नहीं मिला है। वे अवैधानिक तरीके से काम करते हुए मनमाने फैसले ले रहे हैं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि मांग की जाने पर भी ट्रस्ट का हिसाब- किताब और ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी जा रही है।
रजिस्ट्रार दफ्तर की भूमिका संदिग्ध।
कुहू के वकील अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि उनके द्वारा ट्रस्ट को लेकर तीन आपत्तियां रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट के समक्ष लगाई गई हैं पर आज तक उनका निराकरण नहीं किया गया है। उनके द्वारा आरटीआई के जरिए मांगे गए दस्तावेज भी 4 माह बाद उन्हें मुहैया करवाए गए। वकील श्रीवास्तव के मुताबिक महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी, ट्रस्ट पर कब्जा जमाकर रखना चाहती हैं। उन्होंने रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट के दफ्तर के अधिकारी- कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े करते उसे संदिग्ध बताया।