इंदौर: मप्र की सांस्कृतिक नगरी होने के साथ इंदौर प्रमुख औद्योगिक, वाणिज्यिक और व्यापारिक शहर भी है। चिकित्सा, शिक्षा और रोजगार के लिए प्रदेश के साथ अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में युवा, प्रीफेशनल, मजदूर और अन्य लोग यहां आकर बस गए हैं। बढ़ती जनसंख्या के लिहाज से शहर की जरूरतें भी बढ़ने लगी हैं। वर्तमान में ही शहर की जनसंख्या 30 लाख को पार कर गई है। चारों तरफ शहर का विस्तार होने लगा है । ऐसे में भविष्य को ध्यान में रखते हुए इंदौर को महानगर का दर्जा दिए जाने के साथ ही मास्टरप्लान में भी उसके अनुरूप प्रावधान किए जाने की जरूरत है।
अभ्यास मंडल के अजित सिंह नारंग और उनके साथियों ने भविष्य के इंदौर की आवश्यकताओं के मद्देनजर शहरी नियोजन के विशेषज्ञों की मदद से विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रविवार को शहर के प्रबुद्धजनों के साथ श्री नारंग ने इंदौर से ही ताल्लुक रखनेवाले पीडब्ल्यूडी और पर्यावरण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा से मुलाकात कर उन्हें यह रिपोर्ट सौपी। इंदौर प्रेस क्लब की पहल पर ये मुलाकात हो सकी। तमाम प्रबुद्धजनों ने मंत्री श्री वर्मा से आग्रह किया की वे इंदौर को महानगर का दर्जा दिलाने के लिए सीएम कमलनाथ के समक्ष ये बात उठाए।
मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने आश्वस्त किया कि वे रिपोर्ट का अध्ययन करने के साथ इंदौर को महानगर का दर्जा दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। इस दौरान ये भी तय हुआ कि सीएम कमलनाथ से समय लेकर एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलेगा और उनस इस संबंध में चर्चा करेगा। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि एक इंदौरी होने के नाते वे प्रतिनिधिमंडल के साथ सीएम के समक्ष इंदौर को महानगर घोषित करने की मांग करेंगे।
मंत्री श्री वर्मा से मुलाकात के दौरान प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, रामेश्वर गुप्ता, गौतम कोठारी, अनिल भंडारी और अन्य प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
इंदौर को मिले महानगर का दर्जा, मंत्री वर्मा को सौंपी रिपोर्ट
Last Updated: January 13, 2019 " 11:05 am"
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