जागरूक रहकर ही बचा जा सकता है साइबर क्राइम से : दंडोतिया

  
Last Updated:  July 4, 2024 " 11:19 pm"

अभ्यास मंडल इंदौर की मासिक व्याख्यानमाला में साइबर अपराधों की जानकारी के साथ उनसे बचाव के तरीकों से कराया गया अवगत।

श्रोताओं की जिज्ञासाओं का भी किया समाधान।

इंदौर : जिस तेजी से इंटरनेट का विस्तार हुआ है, सूचनाओं का प्रवाह बढ़ा है, साइबर अपराध भी उसी तेजी से बढ़े हैं। इंदौर जैसे शहर में प्रतिदिन 40 से 45 साइबर अपराध दर्ज हो रहे हैं। देशभर में यह संख्या करीब 7 हजार है। हर व्यक्ति साइबर अपराधियों के निशाने पर है। ऐसे में जागरूक और सजग रहकर ही हम इससे खुद को बचा सकते हैं।

ये बात अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अपराध शाखा और साइबर एक्सपर्ट राजेश दंडोतिया ने कही। वे अभ्यास मंडल की मासिक व्याख्यान माला के तहत ‘साइबर जागरूकता’ विषय पर अपने विचार रख रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मदन राणे ने की। इंदौर प्रेस क्लब सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

अनजान नंबरों से आई लिंक पर न करें क्लिक।

एडीसीपी दंडोतिया ने साइबर क्राइम की कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के हर माध्यम पर साइबर अपराधियों की नजर रहती है। एसएमएस, व्हाट्सअप, ई मेल, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) के माध्यम से साइबर फ्रॉड किए जा रहे हैं। स्कूल – कॉलेज के विद्यार्थियों से लेकर बुजुर्ग तक इनके शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसकर लोग लाखों रुपए गंवाने के बाद आत्महत्या तक कर बैठते हैं। अतः सजग रहें और लालच में आकर किसी अनजान नंबर से आई लिंक पर क्लिक न करें। दंडोतिया ने कहा कि सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी डालने से बचें।

गूगल से नहीं लें कस्टमर केयर नंबर।

एडीसीपी दंडोतिया ने ऑनलाइन की जा रही वित्तीय धोखाधड़ी को लेकर कहा कि गूगल पर कभी भी कस्टमर केयर नंबर, हेल्पलाइन नंबर सर्च न करें। ऐप के जरिए लोन लेने से बचें। किसी अनजान नंबर से केवाईसी अपडेट की बात करें तो कतई न करें। अपनी बैंक जाएं या कॉल करके वस्तुस्थिति जान लें अन्यथा साइबर अपराधी आपके खाते की पूरी जानकारी हासिल कर आपके खाते से जीवनभर की जमा पूंजी उड़ा देंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा। एप के माध्यम से लोन लेने से बचें। अगर आपके पास किसी अनजान नंबर से आपके परिजन, रिश्तेदार या करीबी मित्र के दुर्घटनाग्रस्त होने की बात कहकर किसी खाते में पैसे डालने को कहा जाए तो सचेत हो जाएं और संबंधित परिजन अथवा रिश्तेदार को कॉल कर वास्तविक स्थिति जान लें। ये सभी साइबर फ्राड के तरीके हैं। ऐसे गेमिंग एप से बच्चों को दूर रखें जो टास्क देकर उनकी जिंदगी छीन लेते हैं।

एआई के माध्यम से भी हो रही ठगी।

साइबर एक्सपर्ट दंडोतिया ने कहा कि एआई याने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आपके आवाज की कॉपी कर परिजनों को आपके किडनैप होने की बात कहते हुए फिरौती की मांग की जाती है। इसके अलावा खुद को सीबीआई या कस्टम का अधिकारी बताकर फर्जी केस में आपकी संलिप्तता बताते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया जाता है और आपसे बड़ी राशि अन्य खातों में ट्रांसफर करा ली जाती है।

अनजान नंबरों से आए वीडियो कॉल न उठाएं।

एडीसीपी दंडोतिया ने कहा कि वीडियो कॉल के जरिए सेक्सटोर्शन के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे कॉल में कोई महिला न्यूड होने के साथ आपको भी ऐसा ही करने को कहती है। उसी दौरान आपका वीडियो बना लिया जाता है और उसके जरिए ब्लैकमेल किया जाता है। इससे बचने का उपाय यही है कि अनजान नंबरों से आनेवाले वीडियो कॉल न उठाएं।

घबराएं नहीं, साइबर शाखा क्राइम ब्रांच में शिकायत करें।

एडीसीपी राजेश दंडोतिया ने साइबर अपराधों की विस्तृत जानकारी देने के साथ उनसे बचाव के तरीके भी बताए। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार होता है तो घबराएं नहीं और पुलिस की साइबर शाखा या क्राइम ब्रांच की मदद लें। साइबर हेल्पलाइन-1930, इंदौर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 7049124445 आदि पर शिकायत करें और अपने साथ हुई घटना का विवरण दें। पुलिस आपकी मदद के लिए तत्पर है। साइबर फ्राड के कई मामलों में पुलिस करोड़ों रुपए पीड़ितों को वापस दिलवा चुकी है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम सभी अधिकतर कार्य स्मार्ट फोन का उपयोग कर ऑनलाइन कर रहे है, कई नए नए एप जिनके बारे में हम नहीं जानते, का उपयोग नहीं करें।साइबर अपराध इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि देश मे कुछ सेकंड में ही कोई न कोई इनका शिकार हो जाता है ।
अतः सतर्कता और जागरूकता से ही इससे बचा जा सकता है।

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