Category Archives: मेरे विचार

कठिन डगर पर सधे हुए कदमों की लंबी यात्रा का पूर्णविराम..

Last Updated:  Sunday, March 26, 2023  1:34 pm

*जयदीप कर्णिक* इंदौर : बात सन 1998 के अक्टूबर की है। मालवा की खुशनुमा सर्दी की बस शुरुआत ही थी। सुबह ठीक 6.30 बजे इंदौर के साकेत चौराहे पर स्टील ट्यूब्स ऑफ इंडिया की बस आती-जाती थी। हर रोज़ की तरह उस दिन भी मैं बस में चढ़ गया। पिछले लगभग तीन साल से मैं यही तो कर रहा था। क्या मैं ज़िंदगी भर यही करते रहना चाहूँगा? रात भर ज़ेहन को मथते रहे इस सवाल ने मेरा पीछा नहीं और पढ़े

कांग्रेस और विपक्ष के लिए ये झटका शुरुआत है

Last Updated:  Saturday, March 25, 2023  7:49 pm

।। करंट इश्यू ।। 🔺कीर्ति राणा 🔺 लोकसभा से सदस्यता समाप्त किया जाना राहुल गांधी के लिए झटका इसलिए नहीं है क्योंकि कांग्रेस के रणनीतिकारों को पूरा भरोसा था कि यह नौबत आ सकती है। अब जो होगा वह कितना, किसके लिए लाभदायक होगा, इसका इंतजार करना चाहिए। लोकतंत्र की हत्या और संविधान की दुहाई देकर कांग्रेस का सड़कों पर छाती-माथा कूटते हुए चिल्लाना तय है लेकिन इको सिस्टम से लौटती आवाज में देश को इमर्जेंसी-इमर्जेंसी ही सुनाई देगा। ये और पढ़े

अभय जी के अवसान से विदा हुआ विचारवान और शालीन पत्रकारिता का सिलसिला

Last Updated:  Saturday,   7:41 pm

🔹संजय पटेल🔹 (कला समीक्षक और संस्कृतिकर्मी) बाबू लाभचंद छजलानी ने चालीस के दशक में जिस भावना से अपने अख़बार नईदुनिया का बिरवा रोपा था उसे भरापूरा वृक्ष बनाने में राहुल बारपुते, राजेन्द्र माथुर, रनवीर सक्सैना और अभय छजलानी की भूमिका बिसराई नहीं जा सकती। 23 मार्च को अभय जी के अवसान के साथ ही वह नईदुनिया परम्परा भी विराम पर आ गई जिसकी चर्चा विचारवान और शालीन पत्रकारिता नर्सरी के रूप में पूरे देश में होती थी। बेशक अभय जी और पढ़े

एक संपादक का जलवा क्या होता है, यह भी देखा है इंदौर ने

Last Updated:  Friday, March 24, 2023  6:22 pm

स्मृति शेष : पद्मश्री अभय छजलानी। 🔹कीर्ति राणा 🔹 उस दिन मप्र टेबल टेनिस एसो. के ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। अभय प्रशाल में ओम सोनी के ऑफिस के ठीक सामने अभयजी का केबिन है। तब वहां सीईओ महेंद्रसिंह खींची सारा काम देख रहे थे। उनसे पूछा अब्बूजी बैठे हैं? वो हमें उनके केबिन तक साथ ले गए। एक पत्रकार की ठसक क्या होती है… यह उस जमाने के लोग अभयजी को देखकर समझ लेते थे। आज तो एडीएम की और पढ़े

इंदौर से जुड़े मुद्दों को हमेशा तरजीह देते थे स्व. छजलानी

Last Updated:  Thursday, March 23, 2023  7:09 pm

इंदौर : (राजेंद्र कोपरगांवकर) दो दशक पूर्व बिकने से पहले तक नईदुनिया सिर्फ इंदौर ही नहीं पूरे मध्यभारत की आवाज हुआ करता था। नईदुनिया में छपी खबर शासन – प्रशासन तंत्र को हिलाकर रख देती थी। तत्कालीन नईदुनिया की सबसे बड़ी खासियत थी उसकी पठनीयता और विश्वसनीयता। मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के दम पर कतिपय अखबार भले ही नईदुनिया से आगे निकलने में कामयाब रहा पर शुद्धता, स्पष्टता, सामाजिक सरोकार और खबरों की विश्वसनीयता के मामले में नईदुनिया का कोई मुकाबला नहीं और पढ़े

शीर्ष पर रहकर भी जमीन से जुड़े पत्रकार थे दिलीप सिंह ठाकुर

Last Updated:  Wednesday, March 15, 2023  12:17 am

🔹अन्ना दुराई 🔹 जब दिलीप ठाकुर पत्रकार नहीं थे। वे कॉलेज के दिनों में भैया के सहपाठी थे, इसलिए अक्सर घर आया करते थे। कभी कभी तो महिनों उनकी दिन रात घर पर ही गुज़रती थी। मम्मी के हाथ का भोजन उन्हें बहुत पसंद था। हमारा परिवार राजनीतिक पृष्ठभूमि से है तो अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में वे दोस्त होने के नाते उसमें शामिल होते थे। एक बार किसी आयोजन के बैनर पोस्टर हम रात में बंधवा रहे थे। खंबे पर और पढ़े

हिंदी – मराठी कवयित्री सुशीला ताई कुलकर्णी का निधन

Last Updated:  Wednesday,   12:13 am

इंदौर : रामबाग निवासी, मराठी और हिंदी की वरिष्ठ कवयित्री सुशीलाताई कुलकर्णी जो” माई” के नाम से मशहूर थी, का बीते रविवार (12 मार्च) को निधन हो गया। पीठ में गहरी चोंट होने से उनका ऑपरेशन हुआ था।उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। अंतिम संस्कार रामबाग मुक्तिधाम पर किया गया। कई रचनाकारों, साहित्यकारों और समाजसेवियों ने सुशीलाताई कुलकर्णी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अनिल्कुमार धड़वाईवाले ने बताया कि सशक्त और पढ़े

विश्व की अनमोल धरोहर बनने की राह पर इंदौर की रंगपंचमी की गेर

Last Updated:  Monday, March 13, 2023  1:23 pm

परमानंद का अनुभव कराता है रंगों की सामूहिक मस्ती का यह पर्व। समग्र समाज को तनाव से बाहर लाने का है अदभुत पर्व। 🔺डॉ. अनिल भदौरिया 🔺 किसी भी समाज का दर्पण होता है, पुरातन काल से चली आ रही उसकी परंपरा और इसी अनुक्रम में मालवा अंचल में रंगपंचमी का त्यौहार अब विश्व की अनमोल धरोहर बनने के स्तर पर आ पहुंचा है जो किसी भी स्थिति में स्पेन के टोमेटीना या टमाटर के त्योहार या ब्राज़ील के कार्निवल और पढ़े

कोरोना प्रभावितों को भगवत गीता बांटने से शुरू हुआ सिलसिला आज भी जारी..

Last Updated:  Wednesday, February 15, 2023  3:22 pm

समाजसेवी अजय सारडा ने कोरोना काल में लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए लिया था श्रीमद भगवतगीता बांटने का संकल्प। अभी तक बांट चुके हैं 351 भगवत गीता। इंदौर : कोविड एक ऐसी वायरस जनित महामारी थी जिसके कहर से कोई भी देश नहीं बच पाया। उस दौर की याद आते ही एक सिहरन सी दौड़ जाती है। उस समय जब दवा काम नहीं कर रही थी, कोरोना से ग्रसित होकर हजारों लोग प्राण गंवा रहे थे। इंदौर भी देश और पढ़े

समय के साथ बदलावों को स्वीकारना ही समझदारी है

Last Updated:  Sunday, February 5, 2023  4:30 pm

🔺लघुकथा 🔺 परिवर्तन संसार का नियम है और समय के अनुसार परिवर्तनों को स्वीकार करना ही समझदारी का संकेत है, पर दुनिया में कुछ लोग अभी भी अपनी जड़बुद्धि के कारण वहीं स्थिर है। ऐसा ही एक परिवार था राधा का। राधा का विवाह कुछ समय पूर्व ही हुआ था। परिवार के लोगों में अर्थ की संपन्नता तो अत्यधिक थी पर उनकी सोच विस्तृत नहीं थी। शायद शिक्षा का अभाव भी परिवार में दिखाई देता था। राधा तो शिक्षित थी और पढ़े