गीता जैसे दिव्य ग्रंथ मानव मात्र के लिए हर युग में मार्गदर्शक हैं : स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
गीता भवन में चल रहे अ.भा. गीता जयंती महोत्सव में हजारों भक्तों ने किया गीता का सामूहिक पाठ। इंदौर : भारतीय संस्कृति ज्ञान के साथ विज्ञान सम्मत भी है। गीता जैसे दिव्य ग्रंथ मानव मात्र के लिए हर युग में मार्ग दर्शक हैं। मनुष्य को यदि आत्म निरीक्षण, आत्म कल्याण और आत्म मंथन करना है तो गीता का आश्रय लेना चाहिए, क्योंकि यह वह अदभुत और अनुपम सृजन है जो विज्ञान की कसौटी पर भी खरा उतरा है। तमोगुण की और पढ़े