दुनियाभर के शेयर बाजारों पर पड़ा असर।
नई दिल्ली : अमेरिका में एक बार फिर से बैंकिंग संकट गहराने लगा है। बीते शुक्रवार को सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने अब एक और बैंक के डूबने की जानकारी सामने आई है। इसका नाम सिग्नेचर बैंक बताया गया है।अमेरिका की दो बड़ी बैंकों के डूबने से दुनियाभर के शेयर बाजारों पर इसका असर पड़ा। भारत में भी सेंसेक्स में गिरावट दर्ज की गई। यही नहीं हजारों स्टार्टअप पर भी वित्तीय संकट का खतरा मंडराने लगा है।
बताया जाता है कि सिलिकॉन वैली बैंक की हालत खराब होने के बाद प्राधिकरणों ने उसे पिछले सप्ताह शुक्रवार को बंद कर दिया. इसके दो दिन बाद यानी रविवार को प्राधिकरणों ने सिग्नेचर बैंक को भी बंद करने का फैसला लिया। इसे अमेरिका के बैंकिंग इतिहास में तीसरी सबसे बड़ी असफलता बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, सिग्नेचर बैंक के पास पिछले साल के अंत तक कुल 110.36 बिलियन डॉलर की संपत्ति थी. बैंक के पास जमा राशि 88.59 बिलियन डॉलर थी।
अमरीकी बैंकिंग सेक्टर में मची अफरा – तफरी।
लगातार दो बैंकों के डूबने से अमेरिकी बैंकिंग जगत में अफरा-तफरी का माहौल है। जमाकर्ताओं में अपनी सेविंग को लेकर चिंता व्याप्त हो गई है, हालांकि अमेरिकी सरकार और बैंकिंग प्राधिकरण भरोसा बहाल करने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट और अन्य बैंक रेगुलेटर्स ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि सिग्नेचर बैंक और सिलिकॉन ग्लोबल बैंक के सभी डिपॉजिटर्स को उनका पैसा मिलेगा। किसी भी टैक्सपेयर को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
बता दें कि अमेरिका के बैंकिंग इतिहास में बैंक डूबने की सबसे बड़ी घटना 2008 के वित्तीय संकट में हुई थी। उस समय अमेरिकी बैंक वॉशिंगटन म्यूचुअल बंद हो गया था।इसके बाद सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक का डूबना उसके बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़े खतरे का सबब बन गया है।