हिंदी सिनेमा के पहले एनसाइक्लोपीडिया का लोकार्पण 04 अप्रैल को
डीएवीवी के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के सभागार में होगा कार्यक्रम। इंदौर : अपने जन्म के समय से ही भारत में फिल्मों ने जनमानस पर अपना प्रभाव छोड़ना शुरू कर दिया था। सिनेमा ने लोगों की ज़िदगी को छुआ है। आज सिनेमा भारतीयों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। इसीलिए यह कोई अचरज की बात नहीं है कि दुनिया में सबसे अधिक संख्या में फिल्में भारत में ही बनती हैं। लोग सिनेमा जगत के बारे में अधिक से अधिक और पढ़े