हजारों भक्तों ने लिया वीर अलीजा सरकार के अलौकिक स्वरूप का दर्शनलाभ।
सुंदरकांड और हनुमान की चौपाईयों से गूंजा परिसर।
400 साल पुरानी वीर बगीची में आंवला नवमी पर उमड़ा भक्तों का सैलाब, फूल बंगला सजा।
50 हजार भक्तों ने ग्रहण की महाप्रसादी, 400 से अधिक भक्तों ने संभाली व्यवस्था।
150 रसोईयों ने तैयार की भोजन प्रसादी, केले के पत्तों पर लगा अलीजा सरकार को भोग।
इन्दौर : मोगरे की खुशबू से महकता परिसर, भजनों की स्वर लहरियों पर नाचते थिरकते भक्त, रामायण व हनुमान की चौपाइयों से गूंजता क्षेत्र और हजारों की तादाद में लंबी कतारों में अलीजा के दर्शनों के अभिलाषी भक्त। यह नजारा था पंचकुइया स्थित वीर बगीची में मंगलवार को आंवला नवमी पर आयोजित अन्नकूट महोत्सव का, जहां 50 हजार से अधिक भक्तो ने अलीजा सरकार के दर्शन कर महाप्रसादी ग्रहण की।
बाल ब्रह्मचारी प्रभुवानन्दजी सद्गुरू महाराज के शिष्य बाल ब्रह्मचारी पवनान्दजी महाराज ने बताया कि वीर बगीची में अन्नकूट महोत्सव इस वर्ष दक्षिण भारतीय स्वरूप में आयोजित किया गया था, जिसमें अलीजा सरकार का श्रृंगार बालाजी स्वरूप में किया गया। भोग व छप्पन भोग भी केले के पत्तों पर लगाया गया। बालाजी स्वरूप के साथ ही अलीजा सरकार की पोषाक भी मुंबई के डायमंड से बनाई गई थी, जो यहां आने वाले भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। अलीजा सरकार की पोषाक तैयार करने में 7 से 10 दिनों का समय लगा था।
50 हजार भक्तों ने ग्रहण की महाप्रसादी।
अन्नकूट महोत्सव में इन्दौर सहित मालवा-निमाड़ के हजारों भक्त शामिल हुए। महाप्रसादी में पुड़ी, नुकती, जलेबी, रामभाजी व सेव का प्रसाद भक्तों को हरे पत्ते पर परोसा गया। भक्तों को प्रसादी परोसने में सैकड़ों भक्त जुटे थे। पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी अन्नकूट महोत्सव की व्यवस्था संभाली। वीर बगीची में 50 हजार भक्तों के लिए महाप्रसादी तैयार की गई थी। अन्नकूट महोत्सव में अंतिम व्यक्ति आने तक महाप्रसादी परोसी गई।
400 भक्तों ने संभाली व्यवस्था।
अन्नकूट महोत्सव में महाराज सहित 150 सहयोगियों द्वारा महाप्रसादी तैयार की गई थी। इसके साथ ही भक्त मंडल के 400 से अधिक भक्तों ने भोजन व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था , जल व्यवस्था , फूल बंगला व्यवस्था , दर्शन-पूजन व्यवस्था संभाल रखी थी।
सुंदरकांड और हनुमान की चौपाईयों से गूंजा परिसर।
वीर बगीची में आयोजित इस अन्नकूट महोत्सव के दौरान भक्तों के दर्शन की अलग-अलग व्यवस्था की गई थी। एक और जहां भक्त वीर अलीजा सरकार के दर्शनों का लाभ ले रहे थे वहीं दुसरी ओर भक्त मंडल द्वारा संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा था। रात 8 बजे से भजन संध्या भी आयोजित की गई जिसमें मध्यरात्री तक भजनों पर भक्त झूमते नजर आए।
वीर बगीची में अन्नकूट की परंपरा अति प्राचीन।
बाल ब्रह्मचारी पवनान्दजी महाराज ने बताया कि पंचकुइया स्थित वीर बगीची में अन्नकूट की परंपरा अति प्राचीन हैं। वीर बगीची के ब्रह्मचारी कैलाशानंदजी, ओंकारानंदजी एवं प्रभुवानंदजी महाराज के पूर्व से चली आ रही अन्नकूट महोत्सव की परंपरा आज तक जारी हैं। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचकर महाप्रसादी का लाभ लेते हैं।