‘संस्कृति बचेगी तो ही राष्ट्र बचेगा’ विषय पर व्याख्यान में बोले उदय माहुरकर।
इंदौर : यह राष्ट्रीय पुनर्जागरण का दौर है। 2047 में आजादी के शताब्दी वर्ष तक हम आर्थिक, सैनिक और वैज्ञानिक रूप से महाशक्ति बन चुके होंगे, हालांकि इस समय हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अपनी संस्कृति को बचाने की है क्योंकि संस्कृति बचेगी तो ही राष्ट्र बचेगा। ओटीटी, सोशल मीडिया पर परोसा जाने वाला कंटेंट कम उम्र के बच्चों के दिमाग में भी विकृति पैदा कर रहा है।इसकी रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है।
ये कहना है केंद्रीय सूचना आयुक्त, लेखक और पत्रकार उदय माहुरकर का। वे रीगल तिराहा स्थित प्रीतमलाल दुआ सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा ताई महाजन ने की। सांसद शंकर लालवानी, इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी, अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता, सेवा सुरभि के ओमप्रकाश नरेड़ा भी इस दौरान अतिथि के बतौर मौजूद रहे।
ओटीटी पर परोसे जा रहे कंटेंट से बढ़ रहे दुष्कर्म के मामले।
प्रमुख वक्ता उदय माहुरकर ओटीटी, सोशल मीडिया और फिल्मों में बढ़ रही अश्लीलता के खिलाफ बीते कुछ माह से अभियान चला रहे हैं। वे लोगों को जागरूक करने के साथ ऐसे प्रबुद्ध लोगों को भी इस अभियान में जोड़ रहे हैं, जिनका जनमानस पर प्रभाव है। माहुरकर ने बताया कि उनकी इस मुहिम को उत्साहवर्धक प्रतिसाद मिला है। श्री श्री रविशंकर, बाबा रामदेव, संत श्री अवधेशानंद जी सहित कई संत महात्माओं ने भी इस मुहिम को समर्थन दिया है। माहुरकर ने कई उदाहरण देते हुए कहा कि ओटीटी, सोशल मीडिया पर परोसे जा रहे पोर्न व गाली गलौज से भरे कंटेंट अवयस्क और युवाओं के दिमाग में मानसिक विकारों को जन्म दे रहे हैं। यही कारण है कि दुष्कर्म जैसे अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। यहां तक कि मासूम बच्चियां तक इसका शिकार हो रहीं हैं। इस पर रोक लगाना बेहद जरूरी है। सरकार के साथ समाज और घर – परिवार के स्तर पर भी इस बात को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है। मीडिया भी ओटीटी और सोशल मीडिया के जरिए फैलाए जा रहे अश्लीलता के जहर के खिलाफ कारगर अभियान चला सकता है।
आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर बने कड़ा कानून।
उदय माहुरकर ने कहा कि ये हर घर को बचाने की लड़ाई है। पोर्नोग्राफी मुख्य कारण है दुष्कर्म के बढ़ते मामलों का।इसे रोकने के लिए सरकार को law off एथिक्स बनाने की जरूरत है। इसमें कंटेंट की भाषा, पहनावा, संवाद और फिल्मांकन पर नियंत्रण का प्रावधान हो, जो भी इसका उल्लंघन करें, उसके खिलाफ कड़ी सजा का भी प्रावधान होना चाहिए। इस तरह के कंटेंट को रोकने के लिए हमने एक फॉर्म भी जारी किया है, जिसपर लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
जिला स्तर पर बनाएंगे समितियां।
माहुरकर ने कहा कि ओटीटी व सोशल मीडिया पर बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत वे राष्ट्रीय, प्रदेश व जिला स्तर पर भी प्रबुद्धजनों को साथ लेकर समितियां बनाने जा रहे हैं। ये समितियां बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ अभियान चलाएगी।
सामाजिक स्तर पर भी हो पहल।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि सरकार ओटीटी व अन्य माध्यमों पर बढ़ रही अश्लीलता के खिलाफ कदम उठा रही है पर ये काम सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं हो सकता, सामाजिक स्तर पर भी इसके प्रयास होने चाहिए।हमने मालवा उत्सव के जरिए हमारी लोक संस्कृति और परम्पराओं से युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रमुख वक्ता उदय माहुरकर,पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी और अन्य ने देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन किया। अतिथि स्वागत प्रवीण शर्मा ने किया। संचालन डॉ. सोनाली नरगुंदे ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल, अभ्यास मंडल, इंदौर प्रेस क्लब और सेवा सुरभि का सहभाग रहा।