इंदौर : पुलिस थाना हीरानगर ने अपहरण की सनसनीखेज की सूचना से पर्दा उठा दिया है।
बताया जाता है कि राजस्थान पुलिस ऑनलाइन फ्रॉड के अपराध में स्थानीय पुलिस को बिना सूचना दिए हरिओम और दिनेश नामक युवाओं को साथ में ले जा रही थी। थाना हीरानगर पुलिस ने सूचना पर त्वरित कारवाई करते हुए अपहरण की खबर का मात्र 06 घण्टो में खुलासा किया।
ये था घटनाक्रम।
दिनांक 29/04/2022 की रात को फरियादी भरत पिता राधेश्याम गुर्जर उम्र 27 निवासी 136 स्वास्थ्य नगर इन्दौर ने थाने पर उपस्थित होकर बताया कि मेरा दोस्त हरिओम पिता रमेश मलगावे उम्र 27 साल निवासी सदर, मेरा रूम पार्टनर है। शेयर मार्केट की ट्रेडिंग का काम वह ऑनलाइन घर से करता है। उसे रायल बंग्लो हनुमान मन्दिर के पास बुलवाकर कार मे बैठाकर अज्ञात व्यक्ति कहीं ले गये हैं। बाद जानकारी जुटाने पर पता चला कि कार से आए चार लोग हरिओम व दिनेश को अगवाकर ले गए हैं। हरिओम ने अपनी भाभी पूजा को मोबाइल पर बताया कि अपहरणकर्ता पांच लाख रूपए खाते में डालने का कह रहे हैं। खाता नंबर भी दिया था, जिसमें पहले पचास हजार रूपए तथा बाद में 02 लाख 40 हजार रूपये खाते मे डाल दिए थे।
हरिओम के परिजन भी घबराकर थाना हीरा नगर पहुंचे और थाना थाना प्रभारी हीरानगर सतीश पटेल को हरिओम व दिनेश के अपहरण एवं फिरोती मांगने की सनसनीखेज कहानी बताई। थाना प्रभारी पटेल को प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध लगा, चूँकि तथाकथित अपहृत हरिओम ऑनलाइन ट्रेडिंग का काम करता था. थाना प्रभारी द्वारा हरिओम से फोन पर सम्पर्क करने पर उसका मोबाइल बंद होना पाया गया। सतत प्रयास करने पर हरिओम व राजस्थान की पुलिस से संपर्क स्थापित हुआ, जिसमें बताया गया कि थाना चुरू राजस्थान के एक फरियादी ने आनलाइन धोखाधड़ी के मामले में अप.क्र. 132/22 दर्ज कराया था। इस मामले में चुरू पुलिस के फोन नंबर के आधार पर इंदौर आई राजस्थान पुलिस, बिना संबंधित थाने व कंट्रोल रूम को सूचना दिए हरिओम एवं दिनेश को ले जा रही थी, थाना प्रभारी हीरानगर द्वारा राजस्थान पुलिस को बताया गया कि इनके परिजन थाने पर अपहरण एवं फिरौती का अपराध पंजीबद्ध कराने हेतु आए हैं। आप इन्हे तत्काल वापस थाना हीरानगर पर लेकर आएं।
इस पर राजस्थान पुलिस ने अपनी चूक मानी। वह जावरा जिला रतलाम से वापस लौटकर आरोपियों को लेकर रात 02 बजे थाना हीरानगर पहुँची, तब जाकर मामले का पटाक्षेप हुआ।
धोखाधड़ी का था मामला।
हरिओम और उसके साथी ने धोखाधड़ी की बात को स्वीकार किया और धोखाधड़ी की राशि प्रार्थी के खाते में वापस जमा की। बाद में राजस्थान पुलिस द्वारा कारवाई कर दोनों आरोपियों को छोड़ा गया. तब जाकर परिजनों ने राहत की साँस ली। हीरानगर पुलिस की सूझबूझ व तत्परतापूर्वक कार्रवाई के चलते कोई अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई। इसके लिए राजस्थान पुलिस टीम और तथाकथित अपहृतों के परिजनों ने हीरानगर टी आई और उनकी टीम को धन्यवाद दिया।