अपनी गलतियों से प्रत्याशी विहीन हुई कांग्रेस।
कांग्रेस के पास नहीं है नीति, नियत और नेता।
नामांकन वापसी पर उठ रहे सवालों को लेकर सफाई देते हुए बोले अक्षय बम।
इंदौर : ऐन मौके पर कांग्रेस प्रत्याशी के बतौर नामांकन वापस लेने और बीजेपी में शामिल होने वाले अक्षय बम को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।आम जनता के साथ बीजेपी का एक बड़ा वर्ग भी इस घटनाक्रम से खुश नहीं है और इसे पार्टी के लिए नुकसानदायक बता रहे हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी समूचे मामले से खुश नहीं हैं। उन्होंने इसे अभिव्यक्त भी किया है। दांव उल्टा पड़ता देख मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अक्षय बम के साथ रविवार को बीजेपी कार्यालय पहुंचे और अक्षय बम से पत्रकारों के उन सारे सवालों के जवाब दिलवाए जो आम जनता के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं के मन में भी उमड़ – घुमड़ रहे थे।
कांग्रेस संगठन और कार्यकर्ताओं से नहीं मिल रहा था सहयोग।
अक्षय बम ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि जो परिस्थितियां निर्मित हुई, उसके लिए वे किसी भी रूप में दोषी नहीं हैं। जिस दिन से उन्हें टिकट मिला था, वे अपने स्तर पर ही प्रचार कर रहे थे। कांग्रेस संगठन और कार्यकर्ताओं से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा था। जनसंपर्क का कोई शेड्यूल ही तय नहीं किया गया था, इसके चलते उन्हें कई बार जनसंपर्क रद्द करना पड़ा। बीजेपी के विशाल संगठन का मुकाबला वे व्यक्तिगत स्तर पर नहीं कर सकते थे।
किसी भी बड़े नेता की सभा नहीं करवाई।
अक्षय बम ने कांग्रेस संगठन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीते दिनों कांग्रेस के एक बड़े नेता (सचिन पायलट) इंदौर आए थे। वे दो घंटे एयरपोर्ट पर बैठे रहे पर उनकी सभा इंदौर में नहीं करवाई गई। किसी अन्य बड़े नेता की सभा का कोई कार्यक्रम भी इंदौर में तय नहीं किया गया। इंदौर लोकसभा क्षेत्र के 26 सौ बूथों पर बिठाने के लिए उनके पास लोग ही नहीं थे। इसके पूर्व विधानसभा चुनाव में भी मैने क्षेत्र क्रमांक 04 से टिकट की मांग की थी पर नहीं दिया गया।
अपनी गलतियों से प्रत्याशी विहीन हुई कांग्रेस।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अक्षय बम ने कहा कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी विहीन होने के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। कांग्रेस की गलत नीतियां, नियत और नेतृत्व के नकारापन से ये हालात बनें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर किसी से फॉर्म ही नहीं भरवाया। इसके चलते ये हालात बने। मेरे नामांकन वापस लेने के बाद भी कांग्रेस के पास चार घंटे का समय था। उनका कोई निर्दपीय प्रत्याशी होता तो वे उसे अपना अधिकृत प्रत्याशी बना सकते थे। अब वे भले ही नोटा का प्रचार करें लेकिन विजयी वही प्रत्याशी होगा जिसे सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे।
राजनीति से प्रेरित हैं लगाए जा रहे आरोप।
बम ने कहा कि उनपर नामांकन वापस लेने को लेकर कोई दबाव नहीं था। उन्होंने स्वेच्छा से अपना नाम वापस लिया है।जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे राजनीति से प्रेरित हैं।
प्रेस वार्ता में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा, प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा सहित अन्य नेता मौजूद रहे।