कोयला घोटाला: CBI ने पूर्व निदेशक रंजीत सिंह के खिलाफ दर्ज की FIR

  
Last Updated:  April 26, 2017 " 02:20 pm"

नई दिल्ली।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को अपने पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रंजीत सिन्हा पर अपने कार्यकाल के दौरान कोयला घोटाले की जांच को प्रभावित करने का आरोप है। सीबीआई के इतिहास में यह दूसरी बार है जब सीबीआई के पूर्व निदेशक अपनी ही जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।

इस साल फरवरी में सीबीआई ने पूर्व निदेशक ए.पी.सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी मीट निर्यातक मोईन कुरैशी की मदद की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा को सौंपा था जांच का जिम्मा

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के स्पेशल निदेशक एमएल शर्मा को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा था। सिन्हा वर्ष 2012 से 2014 तक सीबीआई के निदेशक रहे थे औरर इस दौरान उन्होंने कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात की थी जिसमें कुछ राजनेता और कुछ बिजनेसमैन शामिल थे। यह मुलाकात सिन्हा के सरकारी आवास पर होती थी।

सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2015 में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की शिकायत पर सिन्हा के खिलाफ जांच का जिम्मा शर्मा को सौंपा था। इस मामले की सुनवाई के दौरान भूषण ने कोर्ट में विजिटर्स डायरी भी कोर्ट में पेश की थी।

मार्च में जांच को सहयोग के लिए रंजीत सिन्हा पहुंचे थे सीबीआई हेडक्वार्टर

सूत्रों ने एचटी को बताया कि कोर्ट के जांच के आदेश के बाद सिन्हा मार्च के आखिरी सप्ताह में सीबीआई हेडक्वार्टर में पहुंचे थे। सिन्हा से पूछताछ के लिए सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी और सीबीआई की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम(एसआईटी) के एक एसपी स्तर के अधिकारी जांच के दौरान शामिल हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 23 जनवरी को सिन्हा के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे और एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए थे। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को अपने मनपसंद के अधिकारियों को जांच में शामिल करने का आदेश दिया था। अधिकारिक सूत्रों ने एचटी को बताया कि एके शर्मा इस वक्त सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर हैं। वह इस मामले में रोजाना जांच पर नजर रख रहे हैं।

रंजीत सिन्हा ने इस पर ये कहा…

इस मामले में जब एचटी ने सिन्हा से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं और मैं इस मामले में कुछ नहीं कह सकता हूं। उन्होंने कहा कि वह अदालत का सम्मान करते हैं इसलिए इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता हूं।

शर्मा कमेटी ने पाया था रंजीत सिन्हा को दोषी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एमएल शर्मा की कमेटी ने जांच में पाया था कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि रंजीत सिन्हा ने कोयला खदान आवंटन मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। साथ ही अपने आवास पर आरोपियों से कई बार मुलाकात भी की थी।

कमेटी ने रंजीत सिन्हा के सरकारी आवास की विजिटर्स डायरी को सही करार दिया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि इन मुलाकातों से संभव है कि रंजीत सिन्हा ने जांच के काम को प्रभावित करने की कोशिश की हो।

सुप्रीम कोर्ट ने सिन्हा पर लगे पद के दुरुपयोग के आरोप की जांच का निर्देश देते हुए न्यायालय ने 14 मई 2015 के अपने आदेश का हवाला दिया था। इस आदेश में कोर्ट ने कहा था कि कि जांच अधिकारी या जांच दल की अनुपस्थिति में कोल ब्लॉक आवंटन मामले के आरोपियों से सिन्हा की मुलाकात पूरी तरह अनुचित है। सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई 2015 के आदेश में शर्मा से सिन्हा के आचरण की जांच करने को कहा था।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *