क्वांटम कम्प्यूटिंग को लेकर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन

  
Last Updated:  July 10, 2024 " 07:46 pm"

अंतरराष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन में वैश्विक कंपनियों के साथ साइन किए एमओयू।

एआईसी-प्रेस्टीज इंस्पायर फाउंडेशन का संयुक्त आयोजन।

इंदौर : अटल इन्क्यूबेशन सेंटर-प्रेस्टीज इंस्पायर फाउंडेशन द्वारा प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के सहयोग से  `क्वांटम कंप्यूटिंग’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अमेरिका, इज़राइल, जर्मनी, इटली, भारत सहित विश्व के अन्य देशों के विशेषज्ञों, केंद्र एवं राज्य सरकारों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन के दौरान, क्वांटम कंप्यूटिंग के उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा वैश्विक कंपनियों के साथ तीन प्रमुख समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह केंद्र प्रशिक्षण, कौशल विकास और शिक्षा के साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के संचालन की दिशा में कार्य करेगा। 

प्रेस्टीज में अवसर व चुनौती दोनों को स्वीकार करते हैं।

प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमेन और प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. डेविश जैन ने कहा, “क्वांटम कंप्यूटिंग’ दुनिया को बदलने के लिए तैयार है। प्रेस्टीज में, हम अवसर और चुनौती दोनों को स्वीकार करते हैं।”

कौशल विकास को बढ़ावा देगा उत्कृष्टता केंद्र।

उन्होंने कहा कि प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन  शीर्ष अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के सहयोग से क्वांटम कंप्यूटिंग और अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा जो कौशल विकास और अनुसंधान को बढ़ावा देगा।  इसके अलावा इस केंद्र की स्थापना से छात्रों और समाज को भी लाभ होगा।
जीक्यूआई यूएसए के सीईओ आंद्रे किनोग ने कहा, “हम प्रेस्टीज के साथ साझेदारी करके खुश हैं और भारत में क्वांटम कंप्यूटिंग के लाभ लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

एआईसी-प्रेस्टीज इंस्पायर फाउंडेशन के सीईओ डॉ. संजीव पाटनी ने कहा कि यह सम्मेलन क्वांटम कंप्यूटिंग पर भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है जिसमें अमेरिका, इज़राइल और इटली के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, उच्च पदस्थ अधिकारियों, सी-डैक, नीति आयोग और एमपीएसईडीसी सहित भारत की केंद्र और राज्य सरकारों के नीति निर्माताओं, प्रसिद्ध उद्योग जगत के नेताओं और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड रिसर्च के सीनियर डायरेक्टर, डॉ मनोज कुमार देशपांडे ने भी अपने विचार साझा किए।

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