16 दिनों से जारी ‘हम होंगे कामयाब’ अभियान का समापन।
इंदौर : म.प्र. पुलिस द्वारा लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन के लिए सोलह दिनों से संचालित अभियान ‘हम होंगे कामयाब’ का समापन स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. की परिचर्चा के साथ संपन्न हुआ। वक्ताओं ने इस अभियान के तहत आयोजित किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भविष्य में भी जारी रखने पर जोर दिया।
जागरूकता से ही महिला अपराधों पर रोक संभव।
अभिनव कला समाज में आयोजित परिचर्चा में एडिशनल सीपी मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि बेटा-बेटी के जन्म, लालन-पालन और शिक्षा में फर्क देखने को मिलता है। बच्चियों को खुले आसमान में उड़ने की इजाजत नहीं है। उन्होंने ‘हम होंगे कामयाब’ जैसे अभियान को सतत जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि जागरूकता से ही महिला एवं बालिकाओं को अपराध से बचाया जा सकता है। पुलिस, महिला एवं बाल विकास, चाइल्ड हेल्प लाइन, पुलिस आदि विभागों ने अपने नंबर सार्वजनिक किए हैं, जिन पर समय रहते शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। एसीपी श्रीवास्तव ने बताया कि इंदौर में आज भी रोजाना चार-पांच बच्चियां गुम हो रही हैं। पुलिस ने वारदात के ऐसे इलाकों पर गहरी नज़र रखना शुरू कर दिया है। स्कूल, कॉलोनियां, शराब की दुकान आदि स्थानों पर विशेष नज़र रखी जा रही है।
लिंग आधारित समानता में हम बहुत पीछे।
अर्थशास्त्री एवं लेखक डॉ. जयंतीलाल भंडारी ने मध्यप्रदेश पुलिस के इस अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इंदौर की एक महिला अधिकारी के प्रस्ताव को पूरे देश में लागू किया गया जो हम सभी के लिए गर्व का विषय है। डॉ. भंडारी ने बताया कि हाल ही में जारी ग्लोबल जेंडर गेप रिपोर्ट में बताया गया कि लिंग आधारित समानता में भारत 146 देशों में 129 क्रम पर है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की लोकसभा और राज्यसभा में 788 सांसदों में महिला सांसद की संख्या 104 है यह बड़ी असमानता है। नीति आयोग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए डॉ. भंडारी ने बताया कि 2047 के विकसित भारत में देश की जीडीपी 30 लाख ट्रिलियन डॉलर होगी जिसमे महिला क्षेत्र की भागीदारी 12 लाख ट्रिलियन डॉलर की रहेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए जितनी योजनायें इस वक्त देश में चल रही हैं वह अन्य किसी देश में नहीं हैं।
घर से ही शुरू होता है सम्मान का भाव।
सेज यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर डॉ. मयंक सक्सेना ने कहा कि बालिकाओं के प्रति सम्मान और संस्कार की शुरुआत घर से होती है। उन्होंने बताया कि सेज में स्टूडेंट हो या टीचर स्टाफ, वुमन्स की संख्या बराबरी की है। बराबरी होने से दोनों वर्गों में न केवल सहभागिता बढ़ती है बल्कि सशक्तिकरण का भाव भी पैदा होता है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से सेज में छात्राओं को मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
इंदौर के प्रेजेंटेशन को देशभर में भेजा गया।
एडिशनल डीसीपी मुख्यालय डॉ. सीमा अलावा ने बताया कि कुछ माह पूर्व हैदराबाद पुलिस द्वारा आयोजित सेमीनार में उन्होंने पुलिस मुख्यालय द्वारा अनुमोदित वुमन सेफ्टी डिपार्टमेंट का एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया था। इस प्रस्तुति को प्रथम स्थान मिला और केंद्र सरकार ने इसी ‘हम होंगे कामयाब’ प्रस्ताव को समूचे देश में भेजा। मध्यप्रदेश में भी पिछले सोलह दिनों से इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें पुलिस थानों का ऑडिट, बसों में पैनिक बटन का उपयोग, स्कूल बसों के स्टाफ की जांच, रैली, 102 वर्कशॉप आदि प्रमुख थे।
महिला अपराधों की रोकथाम के लिए बनाए व्हाट्सअप ग्रुप।
एडिशनल डीसीपी महिला सुरक्षा प्रियंका डुडवे ने बताया कि अभी समाज में अपराध से पहले शिकायत करने की आदत नहीं है। जिस वजह से महिलाओं एवं बच्चियों के खिलाफ अपराध होते रहते हैं। उन्होंने बताया कि बाल एवं महिला अपराधों पर नज़र रखने के लिए भोपाल के बाद इंदौर के कुछ इलाकों में 12 से 18 वर्ष की बालिकाओं को केंद्र में रखकर व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया है। महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग एवं कुछ एनजीओ की मदद से इन स्थानों पर लगातार सर्वे किया जाता है ताकि अपराधों को होने से पहले रोका जा सके। इस अभियान को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
पीड़ित महिलाओं की मदद कर रहा वन स्टॉप सेंटर।
वुमन इम्पॉवरमेंट ऑफिसर एवं वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी डॉ. वंचना सिंह परिहार ने बताया कि 2012 के निर्भया केस के बाद सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर वन स्टॉप सेंटर “सखी” की स्थापना हुई। इंदौर में छावनी एवं महू में यह सेंटर संचालित हो रहे हैं। हाल ही में सांवेर में भी एक सेंटर स्वीकृत हुआ है। इंदौर में 10 वन स्टॉप सेंटर खोलने की सिफारिश की गई है। उत्पीडन की शिकार महिलाओं को यहाँ परामर्श, रहना-खाना एवं कपड़े आदि दिए जाते हैं। इन सेंटरों के माध्यम से पिछले सात सालों में तीन हजार से अधिक पीड़ितों का पुनर्वास एवं 128 महिलाओं को आर्थिक संबल प्रदान किया गया है।
अतिथि वक्ताओं ने इस मौके पर महिला अपराध रोकने संबंधी पोस्टर का विमोचन भी किया। यह पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाये जायेंगे।
कार्यक्रम में अतिथि स्वागत रचना जौहरी, सोनाली यादव, कमल कस्तूरी, रवि चावला, नितिन माहेश्वरी और ताहिर कमाल सिद्दीकी ने किया। संवाद कार्यक्रम की जानकारी एवं संचालन अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने किया। अंत में यशवर्धन सिंह ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी एवं सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।