100 करोड़ रुपए के मुआवजा, वसूली, डिक्री के अवॉर्ड किए गए पारित।
इंदौर में नेशनल लोक अदालत सम्पन्न।
जिला न्यायालय के अलावा तहसील न्यायालयों में भी राजीनामां योग्य प्रकरणों की हुई सुनवाई।
इंदौर : जिला न्यायालय और अधिनस्थ न्यायालयों में रविवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में 2816 प्रकरणों का निराकरण हुआ। निराकृत प्रकरणों में लगभग 100 करोड़ के अवार्ड/डिक्री/मुआवजा/वसूली के आदेश पारित किए गए। यह लोक अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी.पी. शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित हुई।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आसिफ अहमद अब्बासी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिला मुख्यालय के साथ ही बाह्यवर्ती न्यायालय डॉ. आईअंबेडकर नगर, देपालपुर, सांवेर एवं हातोद में प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित कुल 72 खण्डपीठों में मोटर दुर्घटना क्लेम के 421 प्रकरण, सिविल के 86 प्रकरण, विद्युत के 155 प्रकरण, चेक अनादरण के 729 प्रकरण, राजीनामा योग्य दाण्डिक के 319 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 152 प्रकरण, श्रम के 10 प्रकरण व अन्य राजीनामा योग्य 877 प्रकरण (जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के 02 प्रकरण) तथा प्रीलिटिगेशन के 67 प्रकरण इस प्रकार कुल 2816 प्रकरणों का निराकरण हुआ। इनमें लगभग 100 करोड़ के अवार्ड/डिक्री/मुआवजा/वसूली के आदेश पारित किए गए।
क्लेम अधिवक्ता दीपक सोनी, अंशुल राठौर एवं देव गुर्जर ने बताया कि न्यायालय में विचाराधीन क्लेम प्रकरण में धर्मेन्द्र अपने परिचतों के साथ अपनी कार से जा रहा था। जिसे वाहन आयशर के चालक द्वारा रांग साईड आकर सामने से जोरदार टक्कर मार दी थी। जिससे धर्मेन्द्र की मृत्यु हो गई थी। धर्मेन्द्र मृत्यु के पूर्व मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक के पद पर इन्दौर में नियुक्त थे। आज 11 मई 2024 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में मृतक के परिजनों को बीमा कम्पनी रायल सुंदरम के विधि अधिकारी जयेश शर्मा द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर कम्पनी के दायित्व को स्वीकार करते हुए क्षतिपूर्ति राशि 50 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया।