इंदौर : दास्तानगोई: शहीद अशफाकउल्ला, रामप्रसाद बिस्मिल और काकोरी कांड पर केंद्रित कार्यक्रम है। आजादी के इस सुनहरे अध्याय को हम संगीत के साथ पेश करते हैं। ये बात लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले कलाकार हिमांशु वाजपेयी ने कही। वे इंदौर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चाय पर चर्चा के दौरान अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि दास्तानगोई कार्यक्रम वे साथी कलाकार वेदांत भारद्वाज और शिवार्ध भट्टाचार्य के साथ पेश करते हैं। हिमांशु के मुताबिक अशफ़ाक़ और रामप्रसाद दोनों धार्मिक प्रवृत्ति के थे पर धर्म कभी उनके लिए रुकावट नहीं बना। विविधता ही हमारी खासियत है। इस कहानी के जरिये हम सामाजिक, धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना चाहते हैं। उनके सपने को हम साकार होते देखना चाहते हैं। यही हम इस दास्तान के जरिये कहना चाहते हैं। अशफ़ाक़ और बिस्मिल दोनों शायर थे। उनकी नज्में भी हमने कार्यक्रम में शामिल की हैं। क्रांतिकारी साहित्य का ये दस्तावेज है। उस कालखंड को हम महसूस कर सके। यही उद्देश्य इस कार्यक्रम का है। डेढ़ साल तक रिसर्च करने के बाद हमने ये कार्यक्रम बनाया है। अमीर खुसरो, गांधी, तुलसीदास आदि पर भी हम काम कर रहे हैं।
दास्तानगोई आजादी का सुनहरा अध्याय है – हिमांशु
Last Updated: August 17, 2019 " 06:11 pm"
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