इंदौर: निगम अधिकारी से मारपीट के मामले में बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। उन्हें एमजी रोड पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था। आकाश बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र हैं।
ये था घटनाक्रम।
बताया जाता है कि विधायक आकाश विजयवर्गीय निगम मुख्यालय के पीछे गंजी कंपाउंड में एक कथित रूप से जर्जर मकान को तोड़ने की कार्रवाई रुकवाने पहुंचे थे। वहां उनका निगम अधिकारियों से विवाद हो गया। अपनी बात को तवज्जो नहीं दिए जाने से नाराज विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अधिकारी धीरेन्द्र बायस की बल्ले से पिटाई कर दी। उनके समर्थकों ने भी बायस पर हाथ साफ कर दिए। सार्वजनिक रूप से हुए इस पिटाई कांड का का वीडियो देखते ही देखते देशभर में वायरल हो गया और मामला गर्मा गया।
पीड़ित निगम अधिकारी ने दर्ज कराया प्रकरण।
मारपीट के शिकार निगम अधिकारी धीरेन्द्र बायस ने बाद में एमजी रोड थाने पहुंचकर विधायक आकाश विजयवर्गीय व उनके समर्थकों पर मारपीट और शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज करा दिया। इस बीच आकाश विजयवर्गीय भी कार्यकर्ताओं के साथ थाने आ गए और अपना पक्ष रखते हुए क्रॉस कम्पलेंट लिखवाने की बात कही। विधायक रमेश मेंदोला और पूर्व विधायक जीतू जिराती भी थाने पहुंच गए थे।
पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में किया पेश।
थाने पर लंबी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने आकाश विजवर्गीय को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गौरव गर्ग की अदालत में करीब दो घंटे चली बहस के बाद अदालत ने जमानत की अर्जी खारिज करते हुए विधायक आकाश विजयवर्गीय को 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। अदालत में पेशी के दौरान बीजेपी कार्यकताओ और आकाश समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। इस बात को देखते हुए बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। अदालत के आदेश के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच आकाश विजयवर्गीय को जिला जेल ले जाया गया।