परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की शिकायत पर सीएम शिवराज ने लगाई रोक।
एक ही परीक्षा केंद्र से 07 टॉपर्स आने और अन्य गड़बड़ियों का लगाया गया था आरोप ।
भोपाल : पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में फर्जीवाड़े और अनियमितता के आरोप लगाते हुए इंदौर व प्रदेश के अन्य स्थानों पर छात्रों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के बाद सीएम शिवराज ने इस परिणाम के आधार पर नियुक्तियां की जानें पर फिलहाल रोक लगा दी है। ट्वीट के जरिए उन्होंने इस बात का ऐलान किया।
सीएम शिवराज ने अपने ट्वीट में कहा कि “कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।”
छात्रों ने इंदौर में किया था कलेक्टर कार्यालय का घेराव।
पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में अनियमितता और घोटाले का आरोप लगाते हुए गुरुवार को हजारों छात्रों ने इंदौर में कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर जंगी प्रदर्शन किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए परीक्षा निरस्त करने की मांग की थी।
कांग्रेस ने भी पटवारी परीक्षा में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप।
प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश सचिव राजेश चौकसे और संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने भी पटवारी भर्ती परीक्षा परिणाम में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के भिंड से विधायक संजीव सिंह कुशवाहा के ग्वालियर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्र से न सिर्फ 114 अभ्यर्थियों का चयन हो गया बल्कि टॉप टेन में 7 परीक्षार्थी इसी केंद्र से आए हैं।सभी टॉपर्स के स्कोर लगभग एक जैसे होने से गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की आशंका बलवती हो गई है।
पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम पर प्रदेश के अन्य शहरों से भी संदेह जाहिर करते हुए गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। इस बात को देखते हुए सीएम शिवराज को पटवारी भर्ती परीक्षा के संबंधित केंद्र के परिणाम के पुनरीक्षण का आदेश देना पड़ा। पुनरीक्षण होने तक पटवारियों की भर्ती पर भी रोक लगी रहेगी।