इंदौर : टेरर फंडिंग और देश विरोधी कृत्यों में लिप्त होने के सबूत मिलने के बाद पीएफआई के ठिकानों पर केंद्रीय जांच एजेंसियां लगातार छापेमारी कर रही हैं। मंगलवार को पुनः एनआईए ने एटीएस के साथ मिलकर पीएफआई के गुर्गों के ठिकानों पर दबिश दी। इंदौर के साथ भोपाल, उज्जैन, नीमच, शाजापुर, श्योपुर और गुना में भी छापामार कार्रवाई की गई।
इंदौर से पांच को लिया गिरफ्त में।
एनआईए और एटीएस की टीम ने इंदौर में विभिन्न स्थानों पर धावा बोलते हुए पीएफआई के पांच सक्रिय सदस्यों को धर – दबोचा। इन आरोपियों को छत्रीबाग, माणिकबाग, छीपा बाखल और ग्रीन पार्क कॉलोनी से पकड़ा गया। तीन अन्य आरोपियों के घर भी दबिश दी गई पर वो हाथ नहीं आए।
उज्जैन, नीमच, शाजापुर में भी कार्रवाई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उज्जैन, महिदपुर में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए और एटीएस की छापेमारी में 04 वांछित आरोपियों को बंदी बनाया गया। इसके अलावा नीमच से दो और शाजापुर से 04 गिरफ्तारियां की गई।
बताया जाता है कि मप्र में पीएफआई के करीब 35 सक्रिय सदस्य एनआईए के रडार पर थे, इनमें से 25 को गिरफ्त में ले लिया गया है।
बता दें कि एनआईए ने कुछ दिन पूर्व भी देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापे मारे थे। इंदौर में पीएफआई के दफ्तर और पदाधिकारियों के घरों पर छापे मारकर कई लोगों को बंदी बनाने के साथ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। उस दौरान भी सैकड़ों गुर्गों को गिरफ्तार किया गया था।
पीएफआई की संदिग्ध गतिविधियों पर एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की बहुत पहले से नजर थी। एक समुदाय के युवाओं को भड़काने के साथ टेरर फंडिंग और भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप पीएफआई पर लगे हैं। सीएए, एनआरसी के खिलाफ आंदोलन छेड़ने और दिल्ली व अन्य स्थानों पर दंगों में लिप्तता को लेकर भी पीएफआई की सक्रियता के सबूत केंद्रीय जांच एजेंसियों के हाथ लगे हैं।