इंदौर : बच्चों के वैक्सीनेशन के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर ऐसा होता है तो सम्बन्धित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये चेतावनी इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि बच्चों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं बूस्टर डोज के लिए भी फ्रंटलाइन वर्कर्स और उम्रदराज लोगों को मोटिवेट किया जा रहा है।
15 से 17 वर्ष के बच्चों के शत- प्रतिशत टीकाकरण का है लक्ष्य।
बता दें कि इंदौर जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच जिला प्रशासन बच्चों के वैक्सीनेशन पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहा है। प्रशासन का लक्ष्य 15 से 17 वर्ष वर्ग के बच्चों के शत प्रतिशत वैक्सीनेशन का है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बच्चों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य अभी भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में सभी सरकारी और निजी विद्यालय चाहे वह किसी भी बोर्ड के हों, उन्हें बच्चों का टीकाकरण कराना ही होगा। उन्होंने बताया कि अभी इस वर्ग का 65 से 70 फ़ीसदी लक्ष्य हासिल हो चुका है। जिला प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बच्चों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अपने पास रखने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन की टीम जब निरीक्षण के लिए पहुंचेगी तो वह बच्चों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट चेक करेगी। बच्चों के वैक्सीनेशन के मामले में कोई भी लापरवाही पाई गई तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नियम के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बूस्टर डोज की गति धीमी।
कलेक्टर मनीष सिंह ने माना कि बूस्टर डोज लगवाने की गति धीमी है। इसके लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स और अन्य पात्र लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।