श्री ब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव।
पंचामृत की सहस्त्रधारा से प्रभु वेंकटेश का हुआ महाभिषेक।
इंदौर : ब्रम्होत्सव के तीसरे दिन श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में प्रातः काल में सुमधुर वाद्ययंत्रों के साथ आचार्यो, विद्यार्थियों, संतों द्वारा एक स्वर में स्तोत्र पाठ के साथ मंत्रों के उच्चारण के बीच प्रभु वैंकटेश का महाभिषेक दूध, दही, घी, शकर, इत्र, केशर,शहद,फलों के रस, आँवला, अरीठा अन्य सुगन्धित द्रव्य पदार्थो के साथ नदियों के जल के रजत कलशों
की सस्त्रधारा से नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के सान्निध्य में किया गया।
भगवान के विग्रह का माखन धारण करा कर श्रृंगार किया गया फिर वह माखन भक्तों में वितरित किया गया।
अभिषेक के पूर्व यजमान प्रभुदयाल तोतला परिवार द्वारा कलशों का पूजन किय्या गया। पूजन को संपन्न कराने की विधि बिहारी काका,जय दुबे, लोकेश तिवारी, मनोहर शास्त्री,गोपाल शर्मा द्वारा की गई।
अभिषेक के बाद भगवान वेंकटेश व श्रीदेवी, भू देवी को हल्दी का लेपन कर तुलसी की माला धारण कराई गई। प्रभु के अभिषेक किये जल से सभी संतों व भक्तों का प्रोक्षण किया गया।
महाभिषेक के बाद संत सभा में नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचर्य महाराज ने भक्तों को अपने प्रवचनों से लाभान्वित किया।
छत्रीबाग क्षेत्र में निकली प्रभु वेंकटेश की छोटी रथयात्रा।
रात्रि के सत्र में देवस्थान से छोटी रथयात्रा छत्रीबाग में निकाली गई। यात्रा को लेकर भक्तों में भरी उत्साह नजर आ रहा था। प्रभु के आगमन के लिए विशेष तैयारी की गई थी। घरों को फूलों से सजाने के साथ आकर्षक रंगोलियां भी बनाई गई थी। यही नहीं घर – घर दीप भी रोशन किए गए थे।प्रभु के दर्शन के लिए हर भक्त लालायित था। देवस्थान से प्रारम्भ होकर राजस्व ग्राम से माहेश्वरी स्कूल छत्रीबाग, शिव मंदिर होते हुए शोभायात्रा पुनः देवस्थान पहुची। प्रभु वेंकटेश हनुमान महाराज पर विराजमान होकर भक्तों के बीच दर्शन देने निकले थे। यात्रा में ढोलक की थाप पर महिलाएं, युवतियां नृत्य करते चल रहीं थीं। भजन गायक हरिकिशन साबू भजनों से माहौल को भक्तिमय बना रहे थे।
मीडिया प्रभारी पंकज तोतला ने बताया कि इस अवसर केदारमल जाखेटिया, रवींद्र धुत ,प्रमोद गट्टानी,अंकित जाख़ेटिया, लछु लड़ा,जयकिशन डागा,कल्याण सोनी, बलदेव जाजू, रितेश तोतला,अंकित पाठक,संदीप चंडक आदि मौजूद थे।